दुनिया में हर 8 में 1 बच्ची यौन हिंसा का शिकार, यूनिसेफ का रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
दुनियाभर में हर आठ में से एक बच्ची यौन हिंसा का शिकार हो रही है. इन बच्चियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार अफ्रीका में हो रहा है. ये हैरान करने वाला आंकड़ा UNICEF की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है.
संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने यौन हिंसा को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें बताया गया है कि अफ्रीका में उप सहारा देशों में तकरीबन 79 मिलियन यानी 7.9 करोड़ बच्चियां यौन हिंसा का शिकार हुई हैं. आबादी के हिसाब से देखें तो वहां हर पांच में से 1 बच्ची ने बालिग होने की उम्र से पहले ही यौन उत्पीड़न या रेप की प्रताड़ना झेली है.
वैश्विक स्तर पर चौंकाने वाले आंकड़े
अफ्रीका के उप सहारा देशों में 7.9 करोड़ बच्चियों का यौन उत्पीड़न झेलना एक भयावह आंकड़ा है. हालांकि वैश्विक स्तर पर यह और चौंकाने वाला है. रिपोर्ट के मुताबिक यौन उत्पीड़न झेलने वाली बच्चियों की संख्या दुनिया भर में तकरीबन 370 मिलियन (37 करोड़) है. यानी हर आठ में से 1 बच्ज्ञची को यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है. इनमें ज्यादातर बच्चियां ऐसी हैं जो अपने साथ हुई दस दुर्घटना के बाद अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सकीं.
कहां कितनी बच्चियां प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका के उप सहारा में 7.9 करोड़, बच्चियां और महिलाएं प्रभावित हैं. इसके बाद पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी एशिया का नाम है, जहां 7.5 करोड़, मध्य और दक्षिण एशिया में 7.3 करोड़, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में 6.8 करोड़, लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्रों में 4.5 करोड़, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में 2.9 करोड़ और ओशिनिया में 6 करोड़ बच्चियां और महिलाएं यौन हिंसा से पीड़ित हैं. यूनिसेफ की मुख्य सांख्यिकीविद् क्लाउडिया कैप्पा ने कहा कि इस तरह का आंकड़ा पहली बार जारी किया गया है, जिसकी गणना 2010 से 2022 तक के राष्ट्रीय आंकड़ों और सर्वेक्षणों के आधार पर की गई है.
लड़कियां ही नहीं लड़कों का भी हो रहा यौन उत्पीड़न
यूएन की बाल इकाई की ओर से जारी रिपोर्ट में दावा किया है कि यौन् पीड़न से लड़कियां और महिलाएं अधिक प्रभावित हैं, लेकिन लड़कों को भी इसका शिकार बनाया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 240 से 310 मिलियन यानी 24 से 31 करोड़ लड़के और पुरुषों ने कभी न कभी बचपन में यौन उत्पीड़न झेला है.
ये हमारी अंतरआत्मा पर धब्बा
बाल यौन अपराधों पर आधारित इस रिपोर्ट को यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने अंतरआत्मा पर एक धब्बा बताया है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट आघात पहुंचाने वाली है. उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या तनाव या युद्ध वाले क्षेत्रों में ज्यादा हैं. कुछ ऐसे इलाके भी शामिल हैं जहां बड़ी संख्या में शरणार्थी हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष वाले क्षेत्रों में यौन हिंसा हो रही है. कई जगह बलात्कार और लिंग आधारित हिंसा को युद्ध के हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है.