क्लाइमेट डिजास्टर से होगा जीवन के अस्तित्व को खतरा… वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

इंटरनेशनल वैज्ञानिकों की एक टीम ने विश्व को चेतावनी दी है. उनका कहना है कि आने वाले समय में गंभीर क्लाइमेट डिजास्टर हो सकती है, जिससे उबरना बेहद मुश्किल होगा. हर साल क्लाइमेट चेंज पर नजर रखने वाले 35 मापदंडों में से 25 रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका हैं, जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को खतरा सकता है. वैज्ञानिकों के इस रिसर्च को बायोसाइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है, जिसमें क्लाइमेट चेंज के कारण बार-बार हो रही प्रतिकूल मौसमी घटनाओं और उनकी बढ़ती तीव्रता पर जोर दिया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि फॉसिल फ्यूल से होने वाला इमिशन अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इस अंतरराष्ट्रीय टीम में जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट ऑफ क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च के शोधकर्ता भी शामिल थे.
क्या है कारण?
दूसरे महत्वपूर्ण संकेतों में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान, महासागरों की गर्मी, वैश्विक समुद्र स्तर और बढ़ती मानव आबादी का उल्लेख किया गया है. ये सभी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं, और पृथ्वी की मानव आबादी प्रतिदिन लगभग 2 लाख की दर से बढ़ रही है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ का स्तर और मोटाई अभूतपूर्व रूप से घट रहे हैं. साथ ही मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. 1980 से 2020 के बीच नाइट्रस ऑक्साइड के स्तर में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
वैज्ञानिकों का दावा
2022 की तुलना में 2023 में कोयला, तेल और गैस की खपत में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जीवाश्म ईंधन का उपयोग सौर और पवन ऊर्जा के मुकाबले लगभग 15 गुना अधिक बना हुआ है. वैज्ञानिकों की टीम ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि तत्काल ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो दुनिया अपरिवर्तनीय जलवायु आपदा का सामना कर सकती है.

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