आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान का ‘दोस्त’…अल्बानिया-सर्बिया से जैसे देशों से लगाई आस
तुर्किए की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. देश की कई बड़ी कंपनियां और उद्योग वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं और कई बंद होने की कगार पर हैं. वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बढ़ती महंगाई का असर अब टूरिज्म सेक्टर पर भी दिखाई देना शुरू हो गया है. महंगाई के चलते तुर्किए में पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है, जो कि चिंता का विषय है.
तुर्किए जो कि बजट फ्रेंडली टूरिज्म के लिए जाना जाता है अब पर्यटक इसे छोड़कर ग्रीस का रुख कर रहे हैं. माना जा रहा है कि अगर सरकार ने इसके लिए कोई खास कदम नहीं उठाया तो आने वाले कुछ वर्षों में होटल इंडस्ट्री को और भी ज्यादा बुरे दौर का सामना करना पड़ सकता है.
आर्थिक संकट से क्यों जूझ रहा तुर्किए?
दरअसल घटता विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ती महंगाई दर और तुर्किए की करेंसी लीरा की गिरती कीमत के चलते तुर्किए कई सालों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. हालात इतने बदतर हो गए कि सरकार को 2022 में सब्सिडाइज्ड फूड कैंटीन खोलनी पड़ी. इस दौरान तुर्किए में महंगाई दर 85 फीसदी तक पहुंच गई थी. वहीं IMF के अनुमान के मुताबिक इस साल तुर्किए में महंगाई दर करीब 60 फीसदी रहने वाली है.
महंगाई से राहत की उम्मीद कम
दरअसल पिछले साल तुर्किए की सरकार ने अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन इसके तहत तुर्किए के सेंट्रल बैंक ने पिछले एक साल में ब्याज दर को 8.5 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है. वहीं क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम मासिक ब्याज दर भी तीन गुना बढ़ाकर 4.25 फीसदी की जा चुकी है. अर्दोआन सरकार ने टैक्स बढ़ा दिए हैं और जनवरी में न्यूनतम वेतन में की गई 49 फीसदी वृद्धि के बाद इस साल इसमें बढ़ोत्तरी से इनकार कर दिया है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक हो सकता है आने वाले दिनों में महंगाई दर में गिरावट देखने को मिले लेकिन इससे रोजमर्रा के सामानों की कीमतें कम हों ये जरूरी नहीं है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिर रहा है. तुर्किए की करेंसी लीरा की वैल्यू एक डॉलर के मुकाबले 83.92 रुपये पहुंच गई है.
तुर्किए को अल्बानिया-सर्बिया का सहारा?
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन देश को इस आर्थिक संकट से उबारने की कोशिश में जुटे हैं. इसी के तहत उन्होंने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन भी दिया है, वहीं अब वह अल्बानिया और सर्बिया जैसे देशों का दौरा कर देश की हालत सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.
गुरुवार को अर्दोआन ने अल्बानिया का दौरा किया, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने को लेकर अहम समझौता हुआ. साझा बयान में कहा गया है कि तुर्किए और अल्बानिया पहले फेज में 2 बिलियन डॉलर तक ट्रेड वॉल्यूम बढ़ाने को लेकर प्रयास जारी रखेंगे. अल्बानिया के बाद अर्दोआन अब सर्बिया पहुंच चुके हैं. यहां भी उनका फोकस इकोनॉमी को बूस्ट करने वाले समझौतों पर होगा.