महाराष्ट्र: क्या ये ‘वोट जिहाद नहीं है? मदरसा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने पर संजय राउत का सावल
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर मदरसा शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी के फैसले पर निशाना साधा है. उन्होंने सवाल किया कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला क्या ‘वोट जिहाद नहीं है. राउत ने आरोप लगाया कि मौलाना आजाद वित्तीय निगम की राशि को 700 से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपए किया जाना चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में महाराष्ट्र की महायुति सरकार की ओर से लिए जा रहे फैसले को शिवसेना (यूबीटी) नेता ने चुनावी स्टंट करार दिया है. उन्होंने कहा कि, ‘क्या यह वोट जिहाद नहीं है? बच्चों को पढ़ाने वालों का वेतन बढ़ना चाहिए, लेकिन अगर हमने ऐसा किया होता, तो वे इसे वोट जिहाद कहते.’ वहीं, कांग्रेस ने भी इसे चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया फैसला बताया है.
‘2024 लोकसभा चुनाव को लेकर लिया गया फैसला’
कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी का कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है. उन्होंने सवाल किया, बीजेपी अपने उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है जो मुसलमानों को धमकी दे रहे है? उन्होंने कहा कि यह निर्णय मुसलमानों के उत्थान के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बीजेपी उतना खराब प्रदर्शन न करें जितना कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किया.
खान ने कहा, ‘हालांकि, इन सभी के बावजूद हम दोनों फैसलों का स्वागत करते हैं. लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की हार की उलटी गिनती शुरू हो गई है.’ वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने राउत के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत का वेतन नहीं बढ़ाया है, जिनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद का सहारा लिया था.
‘BJP धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती’
बीजेपी नेता सोमैया ने दावा किया कि जब स्वास्थ्य और शिक्षा की बात आती है, तो बीजेपी की महायुति सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने डीएड डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 16 हजार रुपए किया है. जबकि बीए, बीएड बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का मानदेय 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का फैसला किया गया है.
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