मिस्र-सीरिया का इजराइल पर एक साथ हमला, जानें क्या था योम किप्पुर युद्ध

मिस्र और सीरिया ने 6 अक्टूबर 1973 को एक साथ इजराइल पर हमला कर दिया था. उस दिन यहूदियों का पवित्र दिन योम किप्पुर था. इसके साथ ही इस्लाम का पाक महीना रमजान की भी शुरूआत हो चुकी थी. यही वजह है कि इसे योम किप्पुर युद्ध कहा जाता है. हालांकि इसे रमजान या अक्टूबर युद्ध भी कहते हैं. यह जंग 6 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चला था.
उस दौरान इजराइल और अरब राज्यों के गठबंधन सेना के बीच जंग लड़ी गई. अरब राज्यों का नेतृत्व मिस्र-सीरिया ने किया था. वहीं ज्यादातर युद्ध सिनाई और गोलान हाइट्स में हुई थी. हालांकि कुछ लड़ाई मिस्र और नॉर्थ इजराइल में भी हुई थी. इस युद्ध में मिस्र का मकसद स्वेज नहर के पूर्वी तट पर कब्जा जमाना था.
क्या था योम किप्पुर युद्ध?
इस युद्ध में मिस्र के सैनिकों ने सिनाई में घुसपैठ की थी और सीरियाई सैनिक गोलान हाइट्स में घुसपैठ की थी. यह युद्ध यहूदियों के सबसे पवित्र दिन पर हुआ था. इसमें अरब सेना 1967 में तीसरे अरब-इजराइल जंग के दौरान गंवाए क्षेत्र को हासिल करने की उम्मीद कर रही थी.
इस युद्ध के बाद भविष्य में शांति समझौते के लिए मंच तैयार किया गया. लेकिन यह युद्ध सभी देशों के लिए महंगी साबित हुई. इसके बाद इजराइल ने पहले से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया. हालांकि तैयारी की कमी की वजह से उसकी आलोचना की गई.
कितने समय तक चला युद्ध?
मिस्र-सीरियाई ने इजराइल पर 6 अक्टूबर 1973 को हमला किया था. यह युद्ध 25 अक्टूबर 1973 तक चली थी. वहीं 26 अक्टूबर तक लड़ाई ज्यादातर खत्म हो गई थी.
क्या है योम किप्पुर?
योम किप्पुर यहूदी धर्म में साल का सबसे पवित्र दिन माना जाता है. इसे प्रायश्चित का दिन भी कहा जाता है. एक दिन के इस त्योहार में यहूदी बीते एक साल के पापों या गलत कार्यों पर विचार करते हैं. इस दिन ये लोग चाबड़हाउस में प्रार्थना करते हैं और विशेष गीत गाते हैं.

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