शांति सैनिकों पर हमले के बाद मैक्रों ने बताया लेबनान में जंग रोकने का मंत्र
लेबनान में यूएन पीसकीपिंग फोर्स पर हाल ही में हुए इजराइली हमलों की फ्रांस, इटली और स्पेन ने कड़ी निंदा की है. तीनों देशों ने इजराइल की इस कार्रवाई को अनुचित बताया है और जल्द से जल्द युद्ध विराम की अपील की है. यह हमला लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) की ओर से अपने शांति सैनिकों के लिए गंभीर जोखिम की चेतावनी दिए जाने के बाद हुआ है.
इजराइल लेबनान सीमा पर हुए एक विस्फोट में दो पीस मिशन सदस्य घायल हो गए थे, जिसके बाद UNIFIL ने अपनी पीस फोर्स के सैनिकों के लिए खतरे की चेतावनी दी थी. एक संयुक्त बयान में, तीनों देशों ने नक़ौरा में शांति सैनिकों पर हुए हमले पर अपना गुस्सा जाहिर किया और कहा “ये हमले UNSCR (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प) 1701 और मानवीय अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इजराइल के दायित्वों का गंभीर उल्लंघन हैं.”
बयान में सभी शांति सैनिकों की सुरक्षा का भी आह्वान किया गया और क्षेत्र में तत्काल युद्ध विराम का आग्रह किया है. इसके अलावा साइप्रस में बोलके हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जंग रोकने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया है.
लेबनान बॉर्डर पर फ्रांस के सैनिक
लेबनान इजराइल बॉर्डर पर फ्रांस के UNIFIL के तहत 700 सैनिक तैनात हैं. इस हमले के बाद फ्रांस ने इजराइली दूत को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा है. UNIFIL में इटली और आयरलैंड सहित अन्य देशों के सैनिक भी पीस फोर्स का हिस्सा हैं. इन देशों ने भी इजराइल के हमलों की निंदा की है, आयरलैंड के विदेश मंत्री ने तो हाल में जारी स्थिति को “अस्वीकार्य” करार दिया है.
“इजराइल को हथियार निर्यात पर लगे रोक”
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बढ़ती जंग को खत्म करने के लिए एक जरूरी कदम के रूप में इजराइल को हथियारों के निर्यात को रोकने का सुझाव दिया है. साइप्रस में यूरोपीय और मेडिटेरियन नेताओं की एक बैठक में बोलते हुए मैक्रों ने इजराइली बलों की ओर से संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हमलों की निंदा की और इसे ‘बिल्कुल अस्वीकार्य’ बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हथियारों की आपूर्ति को रोकना चल रही हिंसा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.