Bharat NCAP Crash Test: क्रैश टेस्ट में कितनी स्पीड पर दौड़ाई जाती है कार? क्या जानते हैं जवाब

Car खरीदते वक्त अब ग्राहक सिर्फ फीचर्स और माइलेज पर नहीं बल्कि इस बात पर भी ध्यान देने लगे हैं कि आखिर कार की सेफ्टी रेटिंग क्या है? पहले जहां माइलेज पर ज्यादा फोकस किया जाता तो अब वहीं सेफ्टी पर ध्यान दिया जा रहा है. Global NCAP और Bharat NCAP गाड़ी की लोहालाट मजबूती को टेस्ट करने के लिए क्रैश टेस्ट करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर क्रैश टेस्ट के दौरान कार को कितनी स्पीड में दौड़ाया जाता है?
क्रैश टेस्ट में गाड़ियों को अलग-अलग स्पीड पर दौड़ाकर टेस्टिंग की जाती है, स्पीड टेस्ट के प्रकार पर निर्भर करती है. क्रैश टेस्टिंग के दौरान डमी को कार में बैठाया जाता है और इस बात का पता लगाया जाता है कि दुर्घटना के दौरान यात्रियों को कितनी चोट लग सकती है.
Bharat NCAP Crash Test Speed
फ्रंट ऑफसेट इम्पैक्ट टेस्ट: Bharat NCAP की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, इस टेस्ट में गाड़ी को 64km/h की रफ्तार से दौड़ाया जाता है. यह टेस्ट यह जांचने के लिए किया जाता है कि कार दुर्घटना में ड्राइवर और सामने बैठे यात्रियों की सुरक्षा कितनी अच्छी तरह से करती है.
साइड इम्पैक्ट टेस्ट: Bharat NCAP की आधिकारिक साइट के अनुसार, इस टेस्ट में कार को 50km/h की स्पीड से दौड़ाया जाता है. यह टेस्ट यह जांचने के लिए किया जाता है कि कार दुर्घटना में साइड से आने वाले प्रभाव से यात्रियों की सुरक्षा कितनी अच्छी तरह से करती है.
(फोटो क्रेडिट – bncap.in)
पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट: इस टेस्ट में कार को 29 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से एक पोल से टकराया जाता है. यह टेस्ट यह जांचने के लिए किया जाता है कि कार दुर्घटना में पोल से टकराने पर यात्रियों की कितनी अच्छी तरह से सुरक्षा करती है. ध्यान दें कि Global NCAP की क्रैश टेस्ट स्पीड Bharat NCAP से थोड़ी अलग है.

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