तंजानिया: निकाय चुनाव के लिए वोटिंग जारी, राष्ट्रपति सामिया और फ्रीमैन के बीच टक्कर
पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में आज बुधवार को स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. चुनाव में मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है. पोलिंग शुरू होने से पहले ही पोलिंग स्टेशनों पर वोटर्स की भारी भीड़ देखी गई. जानकारी के अनुसार, स्थानीय समय अनुसार 2 बजे तक मतदान होगा.
चुनाव में कुल 31 मिलियन वोटर्स 80,000 से ज्यादा लोकल स्तर के नेताओं का चुनाव करेंगे. तंजानिया में अगले साल होने वाले संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह स्थानीय चुनाव राजनीतिक पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है.
राष्ट्रपति सामिया सुलुह को चुनौती
पूर्वी अफ्रीकी देश में करीब चार दशकों से सत्तारूढ़ पार्टी चामा चा मापिंदुजी (सीसीएम) को इन चुनावों में विपक्षी पार्टी चाडेमा से कड़ी टक्कर मिल रही है. हालांकि, विपक्षी पार्टी ने सत्तारूढ़ पार्टी पर चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके कई उम्मीदवारों को गलत तरीके से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
2019 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने चुनावों का बहिष्कार किया था. निकाय चुनावों में उम्मीदवारों की अयोग्य घोषित करने को लेकर विपक्षी पार्टी का कहना है कि इससे देश में होने वाले आगामी संसदीय चुनावों को लेकर संशय पैदा हो रहा है.
विपक्षी नेता की गिरफ्तारी
निकाय चुनावों से कुछ दिन पहले विपक्ष के नेता फ्रीमैन मोवे को एक रैली में भाग लेने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने रैली में आए लोगों को भगाने के लिए आंसू गैस का प्रयोग भी किया था. निकाय चुनावों में अपने प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान मोवे ने इन चुनावों को लोकतंत्र का महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि संसदीय चुनावों से पहले हो रहे ये चुनाव देश की राजनीति माहौल को दर्शाएंगे.
सत्ता परिवर्तन के बाद पहली परीक्षा
2021 में देश के पूर्व राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली की मृत्यु के बाद सत्ता संभालने के बाद से राष्ट्रपति सामिया सुलुह के लिए यह पहली चुनावी परीक्षा है. सत्ता संभालने के बाद हसन ने देश में विपक्ष और मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन पर भी यही आरोप लगे कि वह देश में मीडिया और विपक्ष पर प्रतिबंधों को जारी रखना चाहते हैं. पहली बार चुनावों का सामना कर रही हसन पर देश में विपक्षी नेताओं के अपहरण और हत्या के आरोप भी लगाए गए हैं.