महाराष्ट्र में कब होगा नए सीएम का शपथ ग्रहण? अजित पवार ने बताई ये तारीख
महाराष्ट्र सीएम पद पर बना सस्पेंस अब खत्म होने वाला है. महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिलेगा. महाराष्ट्र के मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री पद से अपना दावा छोड़ दिया. एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति के मुख्यमंत्री को उनका पूरा समर्थन रहेगा. इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा. बावनकुले ने एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया और उनके काम की सराहना की. इसके बाद एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने छत्रपति संभाजीनगर में मीडिया को जवाब दिया. पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर अगले दो दिनों में क्या होगा? इसकी पूरी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र के सभी मतदाताओं और महायुति के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं. हमारी जिम्मेदारी बढ़ गयी है. एकनाथ शिंदे ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसके बाद चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हम तीनों गुरुवार को दिल्ली जा रहे हैं. वहां हमारी आगे की सारी चर्चा होगी. उसके बाद नए मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों की सरकार अस्तित्व में आएगी.
अजित पवार ने कहा कि कल 28 तारीख है. अजित पवार ने यह भी साफ किया कि शपथ ग्रहण समारोह 30 तारीख या 1 दिसंबर तक होना चाहिए.
गुरुवार को एनडीए की बैठक में होगा फैसला
उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र नजदीक है. अनुपूरक मांगों को मंजूरी देनी होगी. तुरंत काम का दबाव रहेगा. लेकिन चूंकि हममें से अधिकांश अनुभवी हैं, इसलिए हमें नहीं लगता कि यह इतनी बड़ी समस्या होगी. यह राज्य को बेहतर तरीके से विकसित करने का प्रयास है. समाज के सभी तत्वों को एक साथ लाने का प्रयास है. साथ ही केंद्र सरकार से भारी फंड लाने की भी कोशिश है. चूंकि लोकसभा का सत्र चल रहा है तो मैं वहां के प्रमुख से भी मिलने का प्रयास करूंगा. बेहद प्रतिस्पर्धी माहौल में महायुति में मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल होगा. गुरुवार की चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. गुरुवार के फैसले का सभी समर्थन करेंगे
इस दौरान अजित पवार ने कहा कि एनसीपी कार्यकर्ता चाहते हैं कि अजित पवार मुख्यमंत्री बनें. उनसे इस बारे में पूछा गया. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता चाहे कुछ भी सोचें, अंत में यह भी देखा जाता है कि कितने लोग चुने गए हैं, कितने लोग चुने गए हैं. पिछले ढाई साल की कहानी अलग है. अब कहानी अलग है.
ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप को किया खारिज
ईवीएम पर आलोचना पर उन्होंने कहा कि हम सभी न्याय प्रणाली को महत्व देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति चुनाव हारता है तो हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा जाता है और अगर इसमें सफलता मिलती है तो ईवीएम अच्छी है. पहले भी हम लोकसभा चुनाव के दौरान अपना बेहद खराब प्रदर्शन देख चुके हैं. लेकिन हमने ईवीएम के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया. ईवीएम आज कुछ नहीं है, वर्षों से ईवीएम चल रही है. हारे हुए उम्मीदवारों को यह दिखाना जरूरी है कि उनके नेता, वरिष्ठ अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ कर रहे हैं. इसलिए यह आरोप लगाया जाता है.
अजित पवार ने कहा कि अब जब पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर के नतीजे घोषित होते हैं, तो ईवीएम ठीक और अगर नतीजे इसके विपरीत जाते हैं, तो ईवीएम खराब हैं. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर भी देखी गई. तब भी कुछ लोगों ने ईवीएम की बात की थी. 2019 के चुनाव के दौरान भी कुछ लोगों ने बोला था. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम के बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा. यह सही नहीं है.
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