सामने आया मोदी सरकार का 5 साल का विजन, ऐसे पूरा होगा 1 करोड़ घर का सपना
मोदी सरकार का अगले 5 साल में 1 करोड़ घर बनाने का सपना कैसे साकार होगा. इसके बारे में पूरी डिटेल सामने आ गई है. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक कुलदीप नारायण ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य पांच साल में एक करोड़ घरों का निर्माण करना है. नारायण ने अबू धाबी में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि पिछले नौ साल में हमने 90 लाख किफायती घरों का निर्माण किया है, जो उससे पहले के दशक में बनाए गए घरों की संख्या का दस गुना है. हमारा अगला लक्ष्य पांच वर्षों में एक करोड़ घरों का निर्माण करना है.
ये है सरकार का पूरा प्लान
रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. नारेडको ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया था. बयान के मुताबिक, नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में जिस तेजी से शहरीकरण हो रहा है, उसे देखते हुए इस दिशा में और अधिक प्रयासों की जरूरत है. हमारी आर्थिक वृद्धि दर अगले 20 साल में औसतन सात से आठ प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके साथ बुनियादी ढांचे के लिए नए शहरों का विकास और नवोन्मेषी शहरी नियोजन महत्वपूर्ण है.
मंत्रालय ने दी जानकारी
नारायण ने कहा कि हमें यूएई जैसे देशों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत है ताकि हम पर्यावरण-अनुकूल, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार शहरी परिवेश तैयार कर सकें. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में नारेडको के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि आज भारत और यूएई दुनिया में सबसे अच्छे मित्र हैं. इस सम्मेलन में भारत के 21 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए और हम टिकाऊ शहरी विकास में महत्वपूर्ण सबक लेकर वापस जा रहे हैं. भारत के आवास क्षेत्र का सफर बुनियादी घरों से शुरू होकर अब किफायती, सतत और लक्जरी आवासो तक जा पहुंचा है.
5 ट्रिलियन की बनेगी इकोनॉमी
नारेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि वर्तमान में रियल एस्टेट क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान सात प्रतियात है. नीति आयोग के मुताबिक, भारत के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के साथ इस क्षेत्र का योगदान 15 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. यह वृद्धि रोजगार, निवेश और 270 सहायक उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है.
उन्होंने कहा कि यूएई के साथ साझेदारी मजबूत करने से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और सतत विकास में तेजी आएगी. नारेडको की चार-दिवसीय अध्ययन यात्रा के दौरान इस सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में 350 से अधिक प्रतिभागियों, भारत सरकार के 35 प्रतिनिधियों, उद्योग जगत और यूएई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.