बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद पीएम मोदी एक्टिव, विदेश मंत्री के साथ की बैठक

बांग्लादेश में इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हालात तनावपूर्ण हैं. अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार चिंता जाहिर कर चुकी है. गुरुवार को इसी मामले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अहम बैठक हुई, जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री ने पीएम को बांग्लादेश के ताजा हालात की जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक अगर सदन सुचारू रूप से चलता है तो मोदी सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर सदन में बयान देने को तैयार है. दरअसल बुधवार को कांग्रेस ने भी मोदी सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के के मामले में ठोस कदम उठाने की मांग की थी. सरकार पहले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चिन्मय दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर ऐतराज जता चुकी है.
बांग्लादेश में क्यों हो रहा बवाल?
दरअसल 25 नवंबर को बांग्लादेश में ढाका एयरपोर्ट से इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था, उन पर अक्टूबर के अंत में हुई एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है. बांग्लादेश में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है, वहीं मंगलवार को कोर्ट ने जब उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया तो इस्कॉन समर्थकों की भीड़ कोर्ट के बाहर जुट गई, इस दौरान आरोप है कि भीड़ की हिंसा में एक सरकारी वकील की मौत हो गई.
इस्कॉन पर बैन लगाने की हो रही मांग
वहीं बांग्लादेश की हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका के जवाब में यूनुस सरकार ने कोर्ट के सामने इस्कॉन को एक कट्टरपंथी संगठन बताया है. वहीं इस्कॉन लीडर्स समेत देश के कई रिटायर्ड जजों ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
बांग्लादेश में इस्कॉन के करीब 65 मंदिर हैं, और 50 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं. लेकिन शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से देश में अल्पसंख्यकों खास तौर पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं.

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