Types of Walking: कितनी तरह की होती हैं वॉकिंग, इनमें से आपके लिए कौन सी बेहतर, जानें
वजन घटाने या फिट रहने के लिए कई तरीके आजमाएं जाते हैं जिनमें इंटरमिटेंट फास्टिंग से लेकर कीटो डाइट तक शामिल है. हैवी वर्कआउट और अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज से भी लोग करते हैं ताकि वे फिजिकली फिट नजर आ सके. वैसे जरूरी नहीं है कि हर कोई वर्कआउट या एक्सरसाइज कर सके पर ज्यादातर लोग सैर का रूटीन जरूर फॉलो कर सकते हैं. ये कम मेहनत में शरीर को दुरुस्त रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है. क्या आप जानते हैं कि वॉकिंग के भी कई टाइप होते हैं और इनसे अलग-अलग हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें किस टाइप की वॉकिंग को करना चाहिए.
इस आर्टिकल में हम आपको वॉकिंग के कुछ टाइप के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही जानें आप सैर के किस तरीके को आजमाकर अपने फिटनेस गोल को हासिल कर सकते हैं. जानें वॉकिंग के टाइप्स के बारे में…
ब्रिस्क वॉकिंग
ये ऐसी वॉक है जिसमें आपको नॉर्मल से तेज चलना होता है लेकिन रनिंग या जॉगिंग नहीं करनी है. स्टडीज में भी सामने आया है कि अगर आप रोजाना कम से कम 30 मिनट और हफ्ते में 5 बार इस वॉक के रूटीन को फॉलो करते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है. सीधे शब्दों में हमारा दिल का स्वास्थ्य दुरुस्त बन पाता है. जिन लोगों को हार्ट की प्रॉब्लम हो उन्हें एक्सपर्ट की सलाह पर वॉकिंग शुरू करनी चाहिए.
पावर वॉकिंग
ये ब्रिस्क वॉक का थोड़ा सा अपग्रेडेड टाइप है जिसमें 4 से 5 एमपीएच की स्पीड से करीब 1 किलोमीटर चलना होता है. जो वजन घटाना चाहते उनके लिए वॉकिंग का ये टाइप बढ़िया ऑप्शन है. इससे कैलोरी बर्न होती है और वेट मैनेजमेंट भी हो पाता है. हमें हफ्ते में कम से कम 5 बार रोजाना 1 किलोमीटर की पावर वॉक जरूर करनी चाहिए.
ट्रेल वॉकिंग
वॉकिंग के इस टाइप से हमारा बैलेंस और कॉर्डिनेशन सुधर पाता है. ये वॉक हाइकिंग वाला फील देती है जिससे हमारा दिल और बाकी स्वास्थ्य दुरुस्त बन पाता है. इस वॉक को करने से शरीर के ज्वाइंट्स मजबूत बन पाते हैं. रोज एक से दो किलोमीटर की ट्रेल वॉकिंग जरूर करें.
वॉकिंग बैकवार्ड
इस तरह की वॉक में उल्टे कदम चलना होता है जिसे रेट्रो वॉकिंग भी कहते हैं. इससे बैलेंस और पॉइस्चर में सुधार आता है और अगर घुटनों में प्रेशर है तो इससे राहत मिलती है. आप घर पर ही ट्रेडमिल के ऊपर भी उल्टी वॉक कर सकते हैं. इससे बैलेंस, वॉकिंग स्पीट और दिल-फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार जैसे फायदे मिलते हैं.
इंटरवल वॉकिंग
वॉकिंग के इस टाइप में आपको बीच-बीच में ब्रेक लेना होता है. शुरू में कुछ मिनट की फास्ट वॉक करने के बाद 30 सेकंड से एक या दो मिनट का ब्रेक लेना होता है. इसके बाद फिर कुछ देर की फास्ट वॉक करनी होती है. इस तरह हमारा शरीर कम थकता है और जल्दी से रिकवर कर पाता है. सैर के इस टाइप के जरिए वेट लॉस से लेकर फिटनेस हासिल करने जैसे कई फायदे मिलते हैं. रोजाना कम से कम 30 मिनट की इंटरवल वॉक जरूर करें.