रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा पाकिस्तान का शेयर बाजार, पिछले 25 सालों में ऐसे बदली तस्वीर
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) ने इतिहास रचते हुए KSE-100 इंडेक्स को 100,000 अंकों के जादूई नंबर के पार पहुंचा दिया है. यह उपलब्धि पाकिस्तान के पास भारत से पहले हाथ लगी है. अभी भारतीय बाजार 90 हजार के नंबर को भी पार नहीं कर पाया है. गुरुवार सुबह इंडेक्स ने 947.32 अंकों (0.95%) की तेजी दर्ज की और यह 99,269.25 के पिछले बंद स्तर से बढ़कर 100,216.57 पर पहुंच गया. दिन के अंत में इंडेक्स 813.52 अंकों (0.82%) की बढ़त के साथ 100,082.77 पर बंद हुआ. यह ऐतिहासिक बढ़त देश में दो दिनों की राजनीतिक अनिश्चितता के बाद आई है, जिसने बाजार को कुछ समय के लिए अस्थिर कर दिया था.
भारतीय बाजार की हालत खराब?
वहीं दूसरी तरफ भारत की बात करें तो कल सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 1,190 अंकों की कमजोरी के साथ 79,043 पर और निफ्टी 360 अंक गिरकर 23,914 पर बंद हुआ है. भारत में आई गिरावट के पीछे का कारण अमेरिका द्वारा चीन पर टैरिफ लगाने से इंडियन आईटी स्टॉक में आई बिकवाली थी. क्योंकि निवेशकों को इस बात का डर हो गया कि भारतीय आईटी कंपनियों पर भी अमेरिका एक्शन ले सकता है. हालांकि यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि भारतीय आईटी कंपनियों का अधिकांश बिजनेस इंडिया से बाहर के देशों के साथ होता है. अब यहां सवाल ये खड़ा हो रहा है कि भारतीय बाजार में आई बिकवाली के बीच पाकिस्तान का शेयर बाजार रॉकेट क्यों हुआ पड़ा है?
क्यों आई पाकिस्तान के बाजार में तेजी?
टॉपलाइन सिक्योरिटीज के चीफ एग्जीक्यूटिव मोहम्मद सोहेल ने पाकिस्तान के अखबार डॉन से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तानी बाजार ने केवल 17 महीनों में 40,000 से 100,000 तक का रिटर्न दिया है. उन्होंने कहा कि यह तेजी आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) से मिले लोन और राजकोषीय अनुशासन का परिणाम है, जिसने निवेशकों के भरोसे को वापस से स्थापित किया है. इसके अलावा महंगाई और ब्याज दरों में तेज गिरावट ने बाजार में नकदी प्रवाह को बढ़ा दिया है.
पिछले 25 सालों में ऐसे बदली बाजार की तस्वीर
सोहेल ने कहा कि भले ही बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, लेकिन इसका पीई रेशियो अभी भी 5x पर कारोबार कर रहा है, जो 7x के औसत स्तर से कम है. इसने निवेशकों को बाजार में आकर्षक अवसर प्रदान किए हैं. सोहेल ने बताया कि 1990 के दशक के अंत में इंडेक्स 1,000 अंकों से भी कम था, लेकिन अब यह 100 गुना बढ़कर 100,000 पर पहुंच गया है. उन्होंने इसे 25 सालों के उतार-चढ़ाव, तेजी और मंदी, आशावाद और निराशावाद का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि बाजार ने इन वर्षों में औसतन 20% वार्षिक रिटर्न (रुपये में) और 13% रिटर्न (डॉलर में) बनाकर दिया है. यह बाजार की लचीलेपन और क्षमता को दर्शाता है.
जेएस ग्लोबल के इक्विटी बिक्री प्रमुख फरान रिजवी ने इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने एक मीडिया बातचीत में कहा कि यह इंडेक्स का 1,00,000 पर पहुंचना उनके साल के अंत के लक्ष्य के अनुरूप है. रिजवी ने बताया कि 60% रिटर्न के साथ 100,000 का उनका लक्ष्य 47% पूंजीगत लाभ और 13% डिविडेंड के संयोजन पर आधारित था.