Air India और SpiceJet को डीजीसीए से इस मामले में मिला कारण बताओ नोटिस, दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ा है मामला
सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने दो घरेलू एयरलाइन- एयर इंडिया और स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दिल्ली एयरपोर्ट पर दिसंबर के आखिर में घने कोहरे के बीच अलग-अलग फ्लाइट्स के रूट में बदलाव के बाद, कम विजिबिलिटी की स्थिति में काम करने के लिए ट्रेंड पायलटों को तैनात नहीं करने के लिए जारी किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, पिछले साल 25-28 दिसंबर के दौरान घने कोहरे के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन काफी प्रभावित हुआ था। विभिन्न एयरलाइनों की करीब 60 फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया था।
25 दिसंबर की सुबह कुल 58 फ्लाइट्स डायवर्ट हुईं
खबर के मुताबिक, पिछले महीने एयरपोर्ट के सूत्रों ने कहा था कि 25 दिसंबर की सुबह 00:00 बजे से 28 दिसंबर की सुबह 06:00 बजे के बीच खराब मौसम के चलते कुल 58 फ्लाइट्स डायवर्ट की गईं। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि पायलटों को कम विजिबिलिटी की स्थिति में फ्लाइट्स ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था। बीते गुरुवार को डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया और स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अधिकारी ने बताया कि ये नोटिस फ्लाइट में बदलाव के संबंध में हैं।
एयरलाइन ने अभी तक नहीं दी है प्रतिक्रिया
हालांकि इस मामले में अभी एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने डीजीसीए की तरफ से भेजे गए कारण बताओ नोटिस जारी करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। साथ ही यह अभी मालूम नहीं पड़ सका है कि इन दोनों एयरलाइन के अलावा भी किसी और एयरलाइन को ऐसा नोटिस जारी किया गया है या नहीं। बता दें, 29 दिसंबर को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोहरे के मुद्दे को अस्थायी घटना करार दिया और कहा कि इस साल कोहरे के घनत्व के मामले में स्थिति थोड़ी अभूतपूर्व रही है। उनका यह भी कहना था कि मंत्रालय हर रोज के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोहरे की समस्या एक ऐसी समस्या है जिसका सामना हम हर साल 15-20 दिन करते हैं। हां, इस साल पिछले तीन-चार दिनों से अभूतपूर्व कोहरा पड़ा है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एयरलाइनों के साथ कॉर्डिनेशन कर रहे हैं कि कोहरे के दौरान उनके पास सीएटी II और सीएटी III ट्रेंड पायलट हों। CAT II और III जरूरत कम बिजिबिलिटी की स्थिति में फ्लाइट के ऑपरेशन से जुड़े हैं।