श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के अग्रदूत ओंकार भावे
अयोध्या, 07 जनवरी (हि स)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री रहे ओंकार भावे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के प्रमुख शिल्पियों में से एक थे। संतों के आदेश से विहिप के तत्वावधान में मंदिर आंदोलन के लिए जब श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति बनी तो इसके अध्यक्ष तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ और महामंत्री दाऊदयाल खन्ना के साथ ओंकार भावे को प्रथम मंत्री बनाया गया।
विहिप की ओर से समिति में उनको ही स्थान दिया गया था। वह आजीवन श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के मंत्री रहे।
विहिप के केंद्रीय मंत्री अंबरीश सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि ओंकार भावे ने मंदिर आंदोलन के दौरान हर संकट और संघर्ष को झेला। राम जन्मभूमि का ताला खुलने पर राम जानकी रथ को उत्तर प्रदेश शासन ने जब्त कर लिया था। राम जानकी रथ को छुड़वाने के लिए हुए आंदोलन का नेतृत्व ओंकार भावे ने ही किया था और शासन को झुकने पर मजबूर किया था। वर्ष 1990 की कारसेवा के दौरान उन्होंने एक बलिदानी जत्थे का नेतृत्व किया था।
आंदोलन शुरू होने से पूर्व एकात्मता यात्रा देशभर में निकाली गई थी। यात्रा की पूर्व तैयारी के लिए ओंकार भावे ने सघन प्रवास किया था। उन्होंने छोटी-छोटी बैठकें ली थीं। विहिप में उन्होंने अंचल संगठन मंत्री, केंद्रीय मंत्री, संयुक्त महामंत्री और उपाध्यक्ष के नाते देशभर में निरंतर प्रवास किया।