जब बूंद-बूंद को तरस रहा था मालदीव, भारत ने किया था रहम-36 घंटे में पहुंचा दिया था पानी

पहले मालदीव से भारतीय सेना को हटाने की बात और अब पीएम मोदी को लेकर वहां की मंत्री का विवादित बयान. भारत और मालदीव के सम्बंध तल्ख होते जा रहे हैं. दोनों देशों के सम्बंधों में खटास की शुरुआत हुई राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू से.

उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में इंडिया आउट का भारत विरोधी नारा दिया और सत्ता हासिल कर ली. चीन की तरफ खास झुकाव रखने वाले मोइज्जू का रुख भले ही भारत विरोधी रहा है, लेकिन जब-जब मालदीव में मुश्किल आई तो भारत ने दोनों हाथों से मदद की. साल 2014 में चलाया गया ‘ऑपरेशन नीर’ इसका एक उदाहरण है.

2014 में मालदीव में पानी का संकट खड़ा हो गया. संकट ऐसा था कि मालदीव को भारत से मदद मांगनी पड़ी. भारत सरकार ने मालदीव को उस संकट से निकाला. जानिए क्या है था ऑपरेशन नीर और भारत ने कब-कब मालदीव की मदद की.

कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन नीर?

मालदीव की राजधानी माले का आरओ प्लांट खराब होने यहां पीने के पानी का संकट पैदा हो गया. पूरे शहर में बूंद-बूंद पानी के लिए त्राहि मच गई. मालदीव ने भारत सरकार मदद मांगी. उस समय विदेशी मंत्री थीं सुषमा स्वराज और विदेश सचिव थे जयशंकर. सुषमा स्वराज जरूरतमंदों को तत्काल मदद भेजने के लिए जानी जाती थीं. मालदीव के मामले में भी उन्होंने तत्काल मदद भेजने का वादा किया. उन्होंने पीएम मोदी से तत्काल बात की और मालदीव के लिए मदद सुनिश्चित की.

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *