PM मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए भेजी चादर, 13 जनवरी को मनाया जायेगा 812वां उर्स
अजमेर शरीफ दरगाह एकता की मिसाल है और हिंदुस्तान की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परंपरा की निशानी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा को चादर सौंपी है. इस चादर को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर चढ़ाया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल अजमेर शरीफ दरगाह पर इसी तरह उर्स के मौके पर चादर भेंट करते हैं. हर साल की तरह इस साल भी उनकी भेंट की गई चादर को दरगाह पर चढ़ाया जाएगा.
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य इस चादर को 13 जनवरी को दोपहर अजमेर शरीफ में दरगाह पर चढ़ाएंगे. पीएम मोदी ने अल्पसंख्यक मोर्चा के जिन सदस्यों को चादर सौंपी है, उनके नाम हैं- अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तरीक मंसूर. उनके साथ कई और मुस्लिम नेता भी इस दौरान शामिल होंगे. प्रधानमंत्री इसी के साथ अप
इस साल 812वां उर्स मनाया जायेगा
अजमेर शरीफ दरगाह पर इस साल 812वां उर्स मनाया जा रहा है. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हर साल उर्स के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. 13 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की भेजी गई ये चादर चढ़ाई जायेगी. प्रधानमंत्री मोदी पिछले दस साल से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेज रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने चादर भेजने के साथ ही मानवता का संदेश भी भेजते हैं. पिछले साल उन्होंने संदेश भेजा था- दुनिया को प्रेम, सौहार्द और बंधुत्व का संदेश देने वाले महान सूफी संत के वार्षिक उर्स पर अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजते हुए मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को बताया महान सूफी
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा था कि हमारे देश के संतों, पीरों और फकीरों ने शांति, एकता और सद्भावना के पैगाम के लिए राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने को सदैव मजबूती प्रदान की है. पीएम मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को भारत की आध्यात्मिक परंपरा के प्रतीक बताया था.