Makar Sankranti Vrat Katha in Hindi 2024: मकर संक्रांति पर पढ़ें ये व्रत कथा, सूर्य के साथ शनिदेव भी होंगे प्रसन्न

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व देशभर में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जब पौष मास में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो मकर संक्रांति होती है।

आमतौर पर ये पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन कई बार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की तिथि थोड़ी ऊपर-नीचे हो जाती है। जिसके कारण यह पर्व 12, 13 या फिर 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन से सूर्य का उत्तरायण शुरू हो जाता है। आज पूरे देश में धूमधाम से मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर स्नान-दान के साथ सूर्यदेव की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मकर संक्रांति की इस कथा को जरूर पढ़ना या फिर सुनना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति की व्रत कथा…

मकर संक्रांति व्रत कथा (Makar Sankranti Vrat Katha)

मकर संक्रांति संबंधित पहली व्रत कथा भगवान शनि और सूर्य देव से संबंधित है। जब शनिदेव का जन्म माता छाया हुआ था, तो वह बिल्कुल काले उत्पन्न हुए थे। तब भगवान सूर्य ने उन्हें देखकर कहा था कि वह मेरा पुत्र नहीं है और उन्हें और माता छाया को अलग कर दिया था। वह जिस घर में रहते थे उनका नाम कुंभ था।

 

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