22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर हाफ डे की छुट्टी पर ओवैसी ने कसा तंज, बोले-बहुमत का तुष्टीकरण

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर हाफ डे की छुट्टी की घोषणा पर तंज कसा है और इसे केंद्र सरकार द्वारा बहुमत का तुष्टीकरण करार दिया है. बता दें कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, संस्थानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए आधा दिन की छुट्टी का ऐलान किया है.

ओवैसी ने केंद्र के फैसले को “बहुमत का तुष्टीकरण” बताया. ओवैसी ने कहा कि ईद मिलाद उन नबी पर अवकाश का प्रावधान है, लेकिन भाजपा की राज्य सरकार ने रद्द कर दिया था. एक संवैधानिक प्राधिकरण ने नमाज के लिए शुक्रवार को 30 मिनट का ब्रेक खत्म कर दिया था.”

बता दें कि वह 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस घोषणा का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 15 सार्वजनिक छुट्टियां रद्द कर दी थीं. रद्द की गई छुट्टियों की सूची में ईद मिलाद-उन-नबी भी शामिल है, जो पैगंबर मुहम्मद के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

ओवैसी ने आधे दिन की छुट्टी को बताया बहुमत का तुष्टीकरण

इसके अलावा, दिसंबर 2023 में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा कार्यक्रम के अनुरूप सदन के दोपहर के भोजन के बाद के सत्र का समय शुक्रवार को दोपहर 2:30 से 2 बजे तक बदल दिया था. कई नेताओं ने बताया था कि दोपहर के भोजन के बाद के सत्र के लिए 30 मिनट का विस्तार इसलिए रखा गया था ताकि मुस्लिम सांसद शुक्रवार को नमाज अदा कर सकें.

इन दो उदाहरणों का उपयोग करते हुए, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 22 जनवरी को आधे दिन का समय देने का केंद्र का कदम बहुमत के तुष्टीकरण के सिवा और कुछ नहीं है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, राजनेता, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति, संत समेत 7,000 से ज्यादा लोग समारोह में शामिल होंगे.

गुरुवार को अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की गई. पांच वर्षीय राम की 51 इंच ऊंची काले पत्थर की मूर्ति को चार घंटे के अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बाद स्थापित किया गया है. 22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लगातार अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे हैं.

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