जब शाहरुख खान की इस फिल्म का गाने गाते घबरा गईं थी मधुश्री, ए आर रहमान ने किया था ये काम
शाहरुख खान स्टारर स्वदेस साल 2004 में आई थी. भले ही फिल्म को दर्शकों का उतना अच्छा रिस्पांस नहीं मिला. लेकिन फिल्म के गाने जबरदस्त थे, जिन्होंने फैन्स का दिल जीत लिया था. इन्हीं में एक गाना ऐसा ‘पल पल है भारी’ जिसे मधुश्री, विजय प्रकाश और डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने आवाज दी थी. इसे एक होटल के कमरे में रिकॉर्ड किया गया था. इस बात का खुलासा मधुश्री ने खुद किया है
आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘स्वदेस’ की स्टोरी बेहतरीन थी. फिल्म में शाहरुख खान से लेकर गायत्री जोशी और सभी कलाकारों ने जबरदस्त एक्टिंग की थी. हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाई नहीं की थी. लेकिन ‘स्वदेस’ आज भी आइकॉनिक फिल्मों में शुमार हैं. फिल्म का बेहतरीन कंटेंट उसे शानदार बनाता है. इस फिल्म में पहली बार गायत्री जोशी और शाहरुख खान को स्क्रीन शेयर करते देखा गया. उनकी जोड़ी लोगों को पसंद आई थी. दोनों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
बात अगर फिल्म के गानों की करें तो गाना ‘यूंही चल चल राही’ जिसे उदित नारायण, हरिहरन, कैलाश खेर जैसे दिग्गज सिंगरों ने अपनी आवाज दी थी. ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रहता है. ऐसे ही रामायण और सीता हरण पर बना ‘पल पल है भारी’ गाने को जावेद अख्तर ने लिखा और मधुश्री, विजय प्रकाश और डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने गाया था. ‘पल पल है भारी’ ‘स्वदेस’ फिल्म का सबसे ज्यादा पसंद किया जाना वाला गाना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाने को रिकॉर्ड करने को लेकर लंबी और दिलचस्प कहानी है. इस कहानी को सिंगर मधुश्री ने खुद बताया. उन्होंने खुलासा किया कि इस गाने को किसी स्टूडियो में नहीं बल्कि एक होटल के कमरे में रिकॉर्ड किया गया था.
घबरा गईं थी मधुश्री
मधुश्री ने गाने की रिकॉर्डिंग का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया. जब इस गाने को रिकॉर्ड किया जा रहा था. तब उस कमरे में शाहरुख खान, जावेद अख्तर, फिल्म डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर और उनकी पूरी टीम के लोग यानी कम से कम 25 लोग थे. सबको देखकर वो घबरा गई थी और गाना गाते हुए ‘विपदा’ शब्द पर लड़खड़ा गई. उनकी हिचकिचाहट को देखते हुए म्यूजिक डायरेक्टर ए आर रहमान ने उन्हें ब्रेक दिया. इसके बाद उनकी कुर्सी को दूसरी साइड घुमा दिया गया, जिससे कि वो कमरे में बैठे बाकी लोगों को न देख पाएं.
मधुश्री हिंदी और साउथ फिल्मों की एक मशहूर सिंगर हैं. उन्होंने ‘कभी नीम नीम कभी शहद शहद’, ‘हम हैं इस पल यहां’ ‘माही वे’, ‘सोजा जरा’ जैसे कमाल के गानों को आवाज दी है. अपने करियर के लिए उन्होंने अपना सरनेम तक बदल लिया. उन्होंने सुजाता भट्टाचार्य से मधुश्री किया है. हालांकि उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि- ‘नाम बदलना.. ये बातें कुछ मायने नहीं रखती. असल जो किस्मत में है, होता वही है’