Ram Temple Darshan: क्या हैं अयोध्या में परिक्रमा पथ के मायने?

रामलला के आगमन को लेकर पूरी अयोध्या नगरी में तैयारियां हो चुकी हैं. इस दिन के लिए लोग सालों से इंतजार कर रहे थे. अयोध्या समेत पूरा देश राम नाम के सागर में डूबा है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विदेशी मेहमान भी आएंगे. इसके अलावा, कई नामचीन हस्तियों को इस पावन उत्सव में शामिल होने का न्योता दिया गया है. इसके साथ ही, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ की भवन निर्माण समिती नेअयोध्या में दर्शन करने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.

ब्लू प्रिंट के मुताबिक, गूढ़ी मंडप से रामलला तक पहुंचने के लिए 6 द्वार बनाए गए हैं. इन सभी द्वारों में दर्शन करने आने वाले लोगों की अलग-अलग कतारें लगाई जाएंगी. रिपोर्ट्स की मानें तो राम मंदिर परिसर में जितनी जगह है, वहां 70 लोगों के आसपास दर्शन कर सकते हैं.

परिक्रमा पथ से आएंगे भक्त

रामलला के दर्शन करने आने वाले लोगों का प्रवेश जन्मभूमि से होगा. इसके बाद लोगों को पीएफसी सुरक्षा गेट से गुजरते हुए आगे बढ़ना होगा. यहां परकोटे के करीब 800 मीटर की परिक्रमा करते हुए ही भक्त भगवान राम के दर्शन कर पाएंगे. वहीं, लोगों के निकलने की व्यवस्था दक्षिण द्वार से होगी.

8 एकड़ में परकोटे

बता दें कि राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनाया जा रहा है. ये परकोटा सुरक्षा दीवार का भी काम करेगा. परकोटे का अंदर वाला हिस्सा मंदिर की तरफ खुला होगा, जो परिक्रमा पथ होगा. इसमें 5 से 6 मंदिर भी होंगे. मुख्य मंदिर से परकोटे की दूरी करीब 25 मीटर की होगी. वहीं, परकोटे के भीतरी हिस्से में 50 के आसपास लोगों को रोका जा सकता है.

सज गई अयोध्या नगरी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूरी अयोध्या नगरी सजकर तैयार है. राम मंदिर के साथ-साथ पूरी अयोध्या नगरी दीपोत्सव से जगमगाएगी. बता दें कि रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव पूरे देशभर में मनाया जा रहा है. तमाम सारे लोगों ने अपने-अपने घरों में दीपोत्सव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.

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