बदला रिवाज: रावण के मंदिर में होगी राम की पूजा, स्थापित की गई प्रभु की मूर्ति

अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही नोएडा के पास स्थित उस ऐतिहासिक मंदिर में भी पहली बार भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई, जहां रावण की पूजा की जाती है.

यह प्राचीन शिव मंदिर बिसरख गांव में स्थित है, जिसे स्थानीय लोग रावण का जन्मस्थान मानते हैं. इस मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रामदास ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”आज पहली बार मंदिर परिसर में भगवान राम के साथ-साथ सीता जी और लक्ष्मण जी की मूर्तियां पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गईं.”

इस मंदिर में 40 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे पुजारी ने कहा कि ये मूर्तियां राजस्थान से लाई गई हैं.

यदि स्थानीय लोगों के दावों पर विश्वास किया जाए तो रावण का जन्म नोएडा के इस अनसुने गांव में हुआ था. बिसरख गांव इस रहस्य को लेकर लोगों की नजरों में है, जिसे ग्रामीण सच होने का दावा करते हैं. कुछ साहित्यकारों, प्रतिष्ठित लेखकों ने भी इसका समर्थन किया है, और अगर दावों पर भरोसा किया जाए, तो नोएडा का यह गांव दिल्ली-एनसीआर में घूमने लायक जगह है.

कहानी इस तथ्य से और भी दिलचस्प हो जाती है कि यहां के ग्रामीण महाकाव्य रामायण के अनुसार रावण की मृत्यु के दिन दशहरा को सामान्य उत्साह के साथ नहीं मनाते हैं. पूरे देश में होने वाले उत्सवों के विपरीत, वह दिन और उससे जुड़े नौ दिन गाँव में शोक की अवधि होते हैं. इस अवधि को स्थानीय लोगों द्वारा रावण की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के साथ चिह्नित किया जाता है और इसके लिए यज्ञ भी किए जाते हैं.

 

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