200 से ज्यादा दवाओं का कॉम्बो पैक है यह पेड़, बिना फोड़े फल खाने से हड्डियों में आती है जान, थम जाता है बुढ़ापा
हमारे आसपास कई ऐसे पौधे हैं, जिनके लाभ बताने लगें तो शायद दिन कम पड़ जाए. इन पौधों के फल ही नहीं, जड़, तना फूल, पत्ती और छाल तक तमाम बीमारियों में कारगर हैं. यही वजह है कि ऐसे पौधों का उपयोग आयुर्वेद वर्षों से कर रहा है. यही नहीं, इनके लाभ को आज के विज्ञान ने भी माना है. ऐसा ही एक पौधा है, जिसको गूलर का पेड़ कहा जाता है. कई जगह इसको ऊमर का पेड़ भी कहा जाता है. यह पेड़ तमाम बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है. यही वजह है कि इसको दवाओं का कॉम्बो पैक कहा जाता है. इस पेड़ के फल गूलर को बिना फोड़े ही खाया जाता है. कहा जाता है कि, गूलर को फोड़कर खाने से इसमें हवा लगते ही कीड़े पड़ जाते हैं.
आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं हॉस्पिटल लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य डॉ. सर्वेश कुमार बताते हैं कि, अंजीर की तरह दिखने वाले गूलर को खाने से शरीर को ताकत मिलती है, और बुढ़ापा थम से जाता है. इसकी छाल को जलाकर राख को कंजी के तेल के साथ पाइल्स के उपचार में प्रयोग करते हैं. इस पौधे के दूध का प्रयोग चर्म रोगों में रामबाण माना जाता है. इसके कच्चे फल मधुमेह को समाप्त करने की ताकत रखते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं गूलर के कई अन्य लाभ के बारे में-
पेट दर्द: आयुर्वेदाचार्य डॉ. सर्वेश के मुताबिक, पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर गूलर के फलों का सेवन किया जा सकता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व परेशानी को खत्म कर सेहत को लाभ पहुंचाते हैं. यही वजह है कि गूलर को खाने की सलाह दी जाती है.
डायबिटीज: डायबिटीज की समस्या में भी गूगर बेहद उपयोगी माना जाता है. इस बीमारी से निजात पाने के लिए इस पेड़ के छिलकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए गूलर के छिलकों के पाउडर में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम 6-6 ग्राम खाने से डायबिटीज कंट्रोल होती है.
घाव भरे: गूलर का पेड़ घाव ठीक करने में भी उपयोगी माना जाता है. इसके लिए आपको गूलर के दूध का इस्तेमाल करना है. आपको इसके लिए रुई में गूलर का दूध लेकर घाव पर लगाना है. ऐसा करने से कुछ ही दिन में जख्म भर सकता है.
नकसीर: कई लोगों को नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है. यह समस्या होने पर नाक से खून आने लगता है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए आप की गूलर की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए 20-25 ग्राम गूलर की छाल को पानी में पीसकर तालु पर लगाना है. ऐसा करने से नाक से खून आने वाला खून रुक जाता है.
कमज़ोरी: किसी भी वजह से अगर आपके शरीर में कमज़ोरी महसूस होती हो तो आप इसके लिए गूलर के फल की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप गूलर के सूखे फल को पीस कर पाउडर बना लें और इसका दस ग्राम की मात्रा में सेवन करें. ऐसा करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है. साथ ही शरीर हमेशा यंग रहता है.
ब्लीडिंग: गूलर का उपयोग ब्लीडिंग रोकने में भी किया जा सकता है. यदि किसी के शरीर के किसी भी अंग से खून आ रहा है या पीरियड के समय हैवी ब्लीडिंग हो रही है तो गूलर की मदद ली जा सकती है. इसका इस्तेमाल करने के लिए गूलर के दो-तीन पके हुए फलों को चीनी या खांड़ के साथ खाना होगा. ऐसा करने से जल्द आराम मिल सकती है.
ल्यूकोरिया: महिलाओं की ल्यूकोरिया बीमारी को ठीक करने में भी आप गूलर के रस की मदद ले सकती हैं. इसके लिए गूलर के 5 ग्राम रस को मिश्री के साथ मिलाकर पिया जा सकता है. साथ ही गूलर की जड़ के पानी का सेवन करने से गर्भवती स्त्री को होने वाले दस्त की समस्या से निजात मिलता है.