जापान ने चांद पर किया बड़ा कारनामा, अभी तक किसी देश ने नहीं किया था ऐसा काम
भारत के बाद अब जापान ने चांद पर अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। वह चांद पर उतरने वाला पांचवा देश बन गया है। जापान ने पहले किसी भी मिशन की तुलना में अपने लक्ष्य लैंडिंग साइट के बेहद करीब है। उसने सटीक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। हालांकि, जापान का यह मिशन सिर्प 50 प्रतिशत सफल है, क्योंकि इसके सोलर पैनल पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ रही है। इसकी वजह से यह बिजली बनाने में सक्षम नहीं है।
टेलीमेट्री डेटा से जानकारी मिली है कि जांच के लिए जापान का लैंडर SLIM चंद्रमा की भूमध्य रेखा के दक्षिण में शियोली क्रेटर के पास अपने टार्गेट लैंडिंग साइट पर उतर चुका है। जापान का अंतरिक्ष यान तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के चार महीने बाद चांद पर उतरा है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के उपाध्यक्ष हितोशी कुनिनका ने बताया कि SLIM ने इसे चंद्रमा की सतह पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि यह हमारे ग्राउंड स्टेशन के साथ संपर्क में है और संचार कर रहा है। इसके साथ ही धरती से मिलने वाले निर्देशों का पालन कर रहा है।
कुनिनाका ने बताया कि ऐसा लगता है कि सौर सेल अभी ऊर्जा पैदा नहीं कर रहा है। अपनी बैटरी पर अतंरिक्ष यान पूरी तरह काम कर रहा है। कई घंटों तक बैटरी चलेगी। उन्होंने बताया कि एजेंसी लैंडर की निगरानी करती रहेगी। उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना है कि पैनल फिर से काम करने लगे।
फीनिक्स में एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में अंतरिक्ष-नीति शोधकर्ता नम्रता गोस्वामी ने बताया कि सफल लैंडिंग करना एशिया की एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि बीते दशक में सिर्फ चीन, भारत और जापान चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान भेजने में सफल रहे हैं। भारत के चंद्रयान-3 ने बीते साल चांद पर लैंडिंग की थी।
जापान को मिली बड़ी सफलता
कुनिनका के मुताबिक, SLIM ने चंद्रमा पर उतर कर अपना पहला लक्ष्य प्राप्त कर लिया। SLIM का पहला लक्ष्य 100 मीटर के एरिया में सटीकता के साथ उतरना था। इससे पहले चांद पर उतरने वाले सभी अंतरिक्ष यानों को एक बड़ा क्षेत्र दिया जाता था। लेकिन यह भी देखना चाहिए कि अभी तक किसी भी अंतरिक्ष यान ने सटीक लैंडिंग नहीं की थी।
SLIM ने विजन बेस्ड नेविगेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। इसका उद्देश्य चंद्रमा के ऊपर से उड़ान भरते समय सतह की छवि खींचना था। कुनिनाका ने बताया कि लैंडर के उतरने से पहले दो छोटे रोबोट इससे बाहर आते, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वह बाहर आए थे या नहीं।