बजट से आशा: अपेरल एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए यह करें वित्त मंत्री, आयात शुल्क में रियायत की है मांग
अगले कुछ ही हफ्तों में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) साल 2024 का अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस अंतरिम बजट से कपड़ा उद्योग को भी काफी उम्मीदे हैं। अपेरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (AEPC) की भी बजट में कई मांगे हैं। परिधान एक्सपोर्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टैक्स इनसेंटिव चाहते हैं। अपेरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (Apparel exporters body AEPC) ने घरेलू विनिर्माण और भारत के आउटबाउंड शिपमेंट को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी में एकरूपता और बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी जैसे टेक्स इनसेंटिव की मांग की है। बजट प्रस्ताव पर एईपीसी के सेक्रेटरी जनरल मिथिलेश्वर ठाकुर (Mithileshwar Thakur) का कहना है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के शिखर पर है। सरकार की दूरदर्शी और प्रगतिशील नीतियों ने इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करने में मदद की है। एईपीसी की ओर से सरकार को कुछ सुझाव दिए गए हैं। बताया कि वह सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे।
सरकार को दिए सुझाव
मिथिलेश्वर ठाकुर के मुताबिक, एईपीसी ने कपड़ा निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए बजट प्रस्ताव पेश किए हैं ताकि भारत वैश्विक बाजार में और मजबूत बन सके। बजट में अपैरल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सभी एसेसरीज (टैग, लेबल, बटन, लाइनिंग आदि) पर आयात शुल्क में रियायत की मांग है। अभी कुछ चीजों पर छूट नहीं मिलती, एईपीसी ने इन चीजों को भी लिस्ट में शामिल करने का अनुरोध किया है।
एक समान जीएसटी की मांग
एईपीसी ने रेडीमेड गारमेंट बनाने के सारे सामान (फाइबर, धागा, कपड़ा) पर एक समान 5 फीसदी जीएसटी लगाने का अनुरोध किया है। अभी इन पर अलग-अलग जीएसटी लगता है, जिससे छोटे निर्यातकों को दिक्कत होती है। वर्तमान में, फाइबर (एमएमएफ) पर जीएसटी दर 18%, यार्न पर 12%, फैब्रिक पर 5% आदि है। इसी के साथ कपड़ा बनाने के दौरान पैदा होने वाले कचरे को भी छूट में शामिल करने का अनुरोध है। अभी सिर्फ इस्तेमाल हुए सामान पर ही छूट मिलती है। निर्यातकों को मिलने वाले ब्याज में और छूट देने की मांग की गई है। इससे उन्हें सस्ता लोन मिल सकेगा और वो विदेशी बाजार में बेहतर मुकाबला कर पाएंगे।
मिथिलेश्वर ठाकुर के मुताबिक, एईपीसी ने ये भी मांग की है कि सरकार पर्यावरण के अनुकूल कपड़े बनाने वाले निर्यातकों को टैक्स में छूट दे और मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के विज्ञापन के लिए बजट में राशि आवंटित करे। मुख्य रूप से ये ही मांगें हैं जो एईपीसी ने सरकार के सामने रखी हैं। बताया कि उम्मीद है कि सरकार इन मांगों पर ध्यान देगी और कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाएगी।