3 तरह के होते हैं हार्ट अटैक, शुरुआत में ही इन लक्षणों को पहचान लें तो बच जाएगी जान
आजकल हार्ट अटैक कभी भी…किसी को भी पड़ सकता है. दरअसल, हार्ट अटैक में छाती में अचानक से तेज दर्द उठता है. अगर व्यक्ति को सही समय पर इलाज मिल जाए तो जान बच भी सकती है वरना जान जा भी सकती है.
आज लेकिन हम बात करेंगे कि हार्ट अटैक कितने तरह के होते हैं? साथ ही इनके लक्षणों के बारे में भी विस्तार से जानेंगे.
एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (स्टेमी)
हार्ट अटैक तो कई तरह के होते हैं लेकिन स्टेमी सबसे गंभीर और जानलेवा होता है. इस हार्ट अटैक में कोरोनरी आर्टरी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है. और आर्टरी में ब्लॉकेज और खून के थक्के जमने लगते हैं. इसमें बाद में एंजियोप्लास्टी या क्लॉट डिज़ॉल्विंग दवाईयां देने की जरूरत पड़ती है. जिसके बाद हार्ट के अंदर ब्लड फिर से जाने लगता है और फिर हार्ट फेल होने के खतरा को कम किया जा सकता है.
हार्ट अटैक से पहले शरीर पर दिखते हैं ये संकेत
नॉन-एसटी सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एनस्टेमी)
एनस्टेमी भी एक तरह का गंभीर हार्ट अटैक होता है. इसमें एक से ज्यादा कोरोनरी के आर्टरीज के आधे पार्ट में ब्लॉकेज हो जाते हैं. इन ब्लॉकेज में खून ठीक से पहुंच नहीं पाता है. जिसके कारण दिल को काफी ज्यादा नुकसान होता है. एनस्टेमी के इलाज के लिए दवाईयां और लाइफस्टाइल में चेंजेज करने की जरूरत है.
कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म
इस तीसरे तरह के हार्ट अटैक के दौरान कोरोनरी के आर्टरीज में अचानक से खिंचाव और ऐंठन महसूस होने लगता है. इस दौरान ब्लड ठीक से दिल से अंदर नहीं पहुंच पाता है. इस वजह से हार्ट अटैक पड़ सकता है. इस तरह के हार्ट अटैक को कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म या वैरिएंट एंजिना कहा जाता है. यह हार्ट अटैक पड़ने पर ऐसी दवाईयां दी जाती है ताकि खून की नलियां जो बंद हो गई है उसे चौड़ा किया जा सके.