National Highway: ये है हाइवे का नंबर डिसाइड करने का पैटर्न, यहां जानें तीन डिजिट के नंबर वाले हाइवे का मतलब

नेशनल हाइवे की चिकनी सड़कें किसी भी देश की उन्नति और विकास की इबारत लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.  शानदार सड़कें और जबरदस्‍त सुरक्षा के साथ नेशनल हाइवे पर गाड़ियां दोगुनी स्‍पीड से फर्राटा भर सकती है.

इनका निर्माण और रखरखाव कार्य सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) द्वारा संचालित किया जाता है. ये मुख्य सड़कें भारत के विभिन्न राज्यों और प्रमुख शहरों को कनेक्ट करती हैं.

आमतौर पर एक नेशनल हाईवे की चौड़ाई 7 मीटर से 15 मीटर तक होती है. नेशनल हाइवे के अपने नंबर होते हैं, लेकिन क्या कभी आपने इस बारे में जानना चाहा कि आखिर ये नंबर कैसे डिसाइड किए जाते हैं. आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि नेशनल हाइवे का नंबर तय करने का क्या पैटर्न होता है.

नेशनल हाइवे की पहचान 

नेशनल हाइवे की पहचान उनके नंबर से होती है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता कि किसी भी हाइवे का कुछ भी नंबर रख दिया जाता है. इसका भी एक सुनियोजित पैटर्न होता है.

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि किसी भी नेशनल हाइवे के नंबर से उसकी दिशा भी पता कर सकते हैं. अगर किसी नेशनल हाइवे का नंबर थ्री डिजिट में है तो इसका मतलब कुछ और होता है और यही नंबर दो या एक डिजिट का हो तो इसका कुछ और अर्थ होता है.

ये है हाइवे का नंबर डिसाइड करने का पैटर्न

दरअसल, उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर जाने वाले नेशनल हाइवे की संख्या ईवन होती है. वहीं, पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर से जाने वाले नेशनल हाइवे की संख्या ऑड होती है.

सभी मेन हाईवे की संख्या एक या दो अंकों की संख्या जैसे 1,2, 10, 54, 68 आदि में होती है. ये सभी हाइवे मुख्य हाइवे होते हैं. इसके अलावा बाकी के सपोर्टिंग हाइवे होते हैं.

तीन डिजिट के नंबर वाले हाइवे का मतलब

ऐसे हाइवे जिनके नंबर तीन अंकों की संख्या होती है, उनका मतलब है कि ये हाइवे का सपोर्टिंग ब्रांच भी है. इसे आसान तरीके से ऐसे समझा जा सकता है कि ये किसी नेशनल हाइवे की सपोर्टिंग रोड होंगी.

अगर किसी हाइवे का नंबर 344 है, तो इससे यह मतलब निकलता है कि ये नेशनल हाइवे 44 की सपोर्टिंग ब्रांच हो है. जबकि, इस तीन अंकों की डिजिट का पहला नंबर उसकी डायरेक्शन के बारे में बताता है कि आखिर ये हाइवे किस ओर से किस तरफ को जाता है.

भारत में हाइवे नेटवर्क

जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में भारत का हाईवे नेटवर्क दूसरे नंबर पर है, जबकि पहले नंबर पर पड़ोसी चीन का दबदबा है. आपको बता दें कि हमारे देश में मौजूद नेशनल हाइवे की संख्या लगभग 600 हैं.

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