इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती देने में कारगर है ये हरा पत्ता, आयुर्वेदाचार्य से जानिए उपयोग की विधि

मौसम में आए बदलाव के चलते अब पारे में भी गिरावट साफ तौर पर देखी जा रही है. जिस कारण बुंदेलखंड के दमोह जिले में ठंड बढ़ गई है. यह बढ़ती ठंड हार्ट अटैक के मरीजों के लिए घातक साबित हो रही है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों का सर्दियों में खून में गाढ़ापन आने लगता है. जिस कारण ज्यादातर डॉक्टर खून को पतला रखने के लिए सहजन के फूल की सब्जी, इसके हरे पत्तों का जूस और कोंसे खाने की नसीहत देते है.

बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सहजन को मुंगा बोला जाता है. इसका पूरा पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. कई बीमारियों को रोकने में कारगर है.आयुर्वेद में इस पेड़ को अमृत के समान माना गया है. जिसका इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. सहजन में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं.जिसमें से एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रमुख होते हैं.

जानिए कैसे करें इन फूलों का सेवन

सहजन का पेड़ ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाता है.इसके फूल बेहद गर्म होते हैं,जो खून को पतला करने में कारगर है.इन फूलों की सब्जी बनाकर,उबालकर या फिर आटे में मिलाकर इनका सेवन किया जा सकता है.आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ दीप्ति नामदेव ने कहा कि सहजन एक ऑल इन वन हर्ब है.इस पेड़ के पत्ते, छाल और फल, एंटीबायोटिक, एनाल्जेसिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटीकैंसर, एंटी-डायबिटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीजिंग के रूप में काम करते हैं. इसका चूर्ण बनाकर भी सेवन किया जा सकता है. हार्ट अटैक के मरीज ठंड के दिनों में इन सफेद फूलों उबालकर इनका सेवन कर सकते हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त होती है. इस वजह से इसका सेवन वेजिटेरियन डायट का सेवन करने वाले लोग खास तौर पर करते हैं. यह शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर करता है.

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