Covid-19: चीन में संक्रमण बढ़ाने वाला JN.1 वैरिएंट भारत में भी दे चुका है दस्तक, सर्दियों में फिर बढ़ेंगे केस?
दुनियाभर में कोरोना महामारी को चार साल होने वाले हैं लेकिन इसका डर अब भी लोगों को परेशान कर रहा है। दिसंबर 2019 से चीन में शुरू हई कोरोना महामारी को इसी साल मई में भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ की सूची से बाहर कर दिया हो पर संक्रमण का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है।
पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर में संक्रमण की रफ्तार काफी नियंत्रित देखी जा रही थी हालांकि पिछले दिनों चीन में सब-वैरिएंट JN.1 के कारण एक बार फिर से संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर है। अब तक यहां सात लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस सब-वैरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं।
चिंताजनक बात यह है कि JN.1सब-वैरिएंट भारत में भी दस्तक दे चुका है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केरल में 8 दिसंबर को COVID-19 सब-वेरिएंट JN.1 का एक मामला सामने आया था। इसके साथ देश में संक्रमण के दैनिक मामलों में भी बढ़ोतरी की खबर है। आइए जानते हैं कि ये नया सब-वैरिएंट कितना चिंताजनक है, क्या इसके कारण एक बार फिर से हालात बिगड़ने की आशंका है?
सिंगापुर में भी बढ़े कोरोना के केस
चीन के अलावा सिंगापुर में भी कोरोना के मामले बढ़ने की खबर है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओएच) ने बताया 3 से 9 दिसंबर तक मामलों की अनुमानित संख्या बढ़कर 56,043 हो गई, जो इससे पिछले सप्ताह के 32,035 मामलों की तुलना में 75% अधिक है। यहां अधिकतर लोगों को JN.1 सब-वैरिएंट से ही संक्रमित पाया जा रहा है।
केरल में दस्तक दे चुका है JN.1
चीन और सिंगापुर के बाद JN.1 सब-वैरिएंट केरल में भी देखा जा चुका है। यहां 79 वर्षीय महिला के सैंपल टेस्टिंग में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। उसमें संक्रमण के हल्के लक्षण थे हालांकि वह अब ठीक भी हो चुकी हैं। इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था। वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी। हालांकि तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में इस स्ट्रेन पाए जाने के बाद मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई।
कैसी है इस नए कोरोना वैरिएंट की प्रकृति
कोरोना के इस वैरिएंट को लेकर अब तक प्राप्त जानकारियों के मुताबिक यह सब-वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट का ही रूप है, इसके स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त म्यूटेशन नोट किया गया है। इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में भी इसके कारण मामले सामने आए थे, जिसने दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था।
सितंबर 2023 में अमेरिका में सबसे पहले देखे गए JN.1 को अब तक 11 अन्य देशों में रिपोर्ट किया जा चुका है। यूएस सीडीसी के अनुसार, यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह अधिक व्यापक रूप से फैलेगा या नहीं? पर जिस तरह से BA.2.86 की प्रकृति रही है, इसके कारण भी तेजी से मामलों के बढ़ने की आशंका है।