इस देश में नहीं है कोई ट्रेन, पहले भी हो चुकी हैं कोशिशें, अब ‘लावा एक्स्प्रेस’ चलाने की तैयारी
दुनिया के कई छोटे देशों में भी रेल यातायात होता है. लेकिन दुनिया का एक देश ऐसा भी है, जहां लगता है कि यहां तो रेल यातायात होगा ही, पर ऐसा नहीं है. यह देश बड़ा भी है, गरीब भी नहीं है, और तो और यह यूरोपीय देश है. फिर भी अभी तक वहां किसी तरह का रेलवे सिस्टम नहीं बना था. यह देश और कोई नहीं आइसलैंड है.
आपको यह बात हैरानी की लगती होगी कि यूरोप का एक बड़ा देश होने पर भी यहां आज तक रेलवे सिस्टम की जरूरत महसूस नहीं की गई. 3 लाख की आबादी वाले इस देश में बस कार जैसी सड़क सुविधाएं तो हैं पर यहां रेलवे सिस्टम नहीं है. इसके अलावा यहां हवाई जहाज कुछ चुनिंदा टूरिस्ट स्थानों पर जाते हैं.
ऐसा नहीं है कि यहां रेल यातायात की कोशिश नहीं हुई. एक बार तो यहां नेशनल रेलवे सर्विस खोलने की योजना पर काम हुआ ता लेकिन इसे भी1928 में बंद कर दिया गया. इसके बंद होने की कई वजहें थीं. पर जानकार बताते हैं कि यहां का मौसम इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार था. जिसमें बारिश, बर्फबारी, ग्लेशियर और यहां तक कि ज्वालामुखियों की भी अपनी एक भूमिका है.
इसके बाद भी आइलैंड में जो रेलवे लाइन खुली थी वह औद्योगिक कार्यों के लिए खुली थी. लेकिन वे फिर बंद कर दी गईं 2004 में एक प्राकृतिक हासदे में यात्री रेलवे लाइन को काफी नुकसान हुआ था. उसके बाद से रेल खोलने के प्रयास बंद हो गए.पर हाल ही में यहां पर एक छोटी सी रेलवे लाइन का प्रस्ताव रखा है. बताया जा रहा है कि इससे पर्यटकों की बहुत राहत मिलेगी औ र वे इसे पसंद भी करेंगे क्योंकि यह आसान सफर भी देने काम करेगा. एक्सप्रेसडॉट यूके के मुताबिक यह ट्रेन आइसलैंड की राजधानी रायकजाविक से लेकर देस के प्रमुख एयरपोर्ट केफ्लाविक तक जाएगी. इसका नाम लावा एक्सप्रेस रखा गया है, लेकिन यह 2022 में चलने के लिए प्रस्तावित थी.
अभी तक इसके शुरू होने की कोई खबर नहीं आई है. यह ट्रामलाइन 2025 में शुरुआत होने की उम्मीद की जा रही है. लेकिन आइसलैंड रीव्यू के मुताबिक यह परिजोयना भी ठंडे बस्ते में जा जा सकती है. कोविड के बाद इसकी फंडिंग में समस्या भी बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि अधिकिरियों का कहना है कि यह परियोजना जल्दी शुरू नहीं हो पाएगी. चाहे यह शुरू हो या नहीं, फिलहाल की यातायात व्यवस्था देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए काफी है.