खाप हमारी ‘संस्कृति’, छिटपुट घटनाओं से नहीं कर सकते आकलन : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को कहा कि खाप हमारी ‘संस्कृति’ और हमारी सभ्यता की गहराई का प्रतीक है और इसका आकलन कुछ छिटपुट घटनाओं के आधार पर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ”हमारी संस्कृति, खाप (गोत्र-आधारित संगठनों) को देखें. खाप की पृष्ठभूमि में जाएं. आप पाएंगे कि खाप सकारात्मक है. आप अलग-अलग घटनाओं पर इसका आकलन नहीं कर सकते.”

धनखड़ ने यहां हरियाणा सरकार के नौ वर्षों पर आधारित ‘नये एवं जीवंत हरियाणा का उदय’ शीर्षक नामक पुस्तक का विमोचन किया और कहा कि भारत का अमृतकाल आज गौरव काल है. पुस्तक के विमोचन के अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्मयंत्री मनोहर लाल सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे.पुस्तक का विमोचन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने हरियाणा को देश के लिए रोल मॉडल बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की दूरदर्शी सोच के अनुरूप व्यवस्था परिवर्तन और सुशासन को लेकर किया गया कार्य आसान नहीं था.

उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश के ‘ट्रांसपेरेंट-अकाउंटेबल- ऑनेस्ट रिक्रूटमेंट प्रोसेस’ की चर्चा पूरे देश में होती है.

धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह से बदल रहा है. आज के दिन उभरते हुए भारत को आप देखेंगे तो जो परिकल्पना हमारी सांस्कृतिक विरासत में है वो हमारी तरक्की में पूरी तरह झलक रही है.

भारत का अमृतकाल आज गौरव काल : धनखड़

उन्होंने कहा कि भारत का अमृतकाल आज गौरव काल है. यह वह कालखंड है जिसमें भारत की ऐसी मजबूत नींव भरी जा रही है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि 2047 का भारत विकसित भारत होगा.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ यहां 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्त-शिल्प मेले में पंहुचें. उन्होंने इस दौरान विभिन्न स्टॉल पर जाकर बुनकरों, हस्तशिल्प कलाकारों और शिल्पकारों के बने उत्पादों को देखा तथा उनकी हौसला अफजाई की.

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