पाकिस्तानी आतंकी, चीनी साजिश… LoC पर बढ़ते हमलों के पीछे लद्दाख बॉर्डर पर प्रेशर कम करने की टैक्टिस
जम्मू कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को सेना की गाड़ियों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी थाना मंडी-सुरनकोट इलाके में अंधा मोड़ के पास पहले से पहाड़ी पर छुपे थे और जैसे ही मोड पर सेना की गाड़ी धीमी हुई तो उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. दरअसल जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं और इसे लेकर अब अहम खुलासा हुआ है.
चीन और पाकिस्तान ने मिलाए हाथ
शीर्ष रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान और चीन ने पुंछ सेक्टर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के हाथ मिला लिया है ताकि भारतीय सेना पर लद्दाख सेक्टर से सैनिकों को हटाने और यहां सुरक्षाबलों को फिर से तैनात करने का दबाव बनाया जा सके.
क्या है पाकिस्तान और चीन का प्लान
– पाकिस्तान और चीन की योजना है कि भारतीय सैन्यबल आसानी से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र से बाहर ना निकलें और चीन सीमा पर सैनिकों तैनात ना हो सके.
– भारत ने 2020 में चीनी आक्रामकता का जवाब देने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स की तरह सेना को पुंछ सेक्टर से लद्दाख में तैनात कर दिया था और इससे चीन पर भी दवाब बना. इस समय 25-30 पाकिस्तानी आतंकवादी सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए पुंछ राजौरी सेक्टर के ऊपरी जंगली इलाकों में छिपे हुए हैं.
– पाकिस्तान ने इस क्षेत्र में अपने स्वयं के आतंकवादियों को भेजना शुरू कर दिया है, जो यहां भारत को फिर से अपने सैनिकों की तैनाती करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से हमले कर रहे हैं.
– हाल ही में भारत ने आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए एक और ब्रिगेड तैनात की थी और इसने पाकिस्तानी आतंकियों सहित 20 से अधिक आतंकवादियों का खात्मा कर दिया था.
– पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं और इसे देखते हुए पाकिस्तानी सेना भारत को इन इलाकों में उसके खिलाफ उकसावे वाली कार्रवाई कर अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाना भी चाहती है.
गुरुवार को हुआ था हमला
आपको बता दें कि गुरुवार को राजौरी/पुंछ में हुए आतंकी हमले में 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए ते. आतंकी हमले में 3 से 4 आतंकवादी शामिल रहे. यह हमला डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर किया गया. जिस तरह हमले को अंजाम दिया गया है उससे प्रतीत होता है कि आतंकियों ने हमले को अंजाम देने से पहले रेकी की थी और खुद पहाड़ी के ऊपर चले गए और फिर वहां से सेना के दो वाहनों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.
घात लगाकर किया हमला
दरअसल आतंकियों ने धत्यार मोड़ पर हमला सुनियोजित तरीके से किया क्योंकि अंधा मोड़ (Blind Curve) और ऊबड़-खाबड़ सड़क के कारण इस जगह पर वाहनों की गति धीमी हो जाती है.गुरुवार को धत्यार मोड़ पर जब सेना की गाड़ियां की रफ्तार धीमी हुईं तो आतंकियों ने अचानक उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी उस स्थान से भागने में सफल रहे. शहीद जवानों के हथियार गायब हैं और ऐसी आशंका है कि आतंकी शहीद जवानों के हथियार छीनकर भाग गए.