राजेश खन्ना का डायलॉग बोल महफिल लूट गए इमरान खान, पाकिस्तान में चुनावों से पहले इमोशनल दांव
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई नेता इमरान खान का AI अवतार में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जेल में बंद खान के लिखित भाषण को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उनकी आनाज में चार मिनट का भाषण बनाकर रविवार (17 दिसंबर) को सोशल मीडिया पर जारी किया गया था। इस भाषण में खान पाकिस्तान के लोगों से 8 फरवरी को घरों से बाहर निकलकर बड़ी संख्या में बढ़-चढ़कर वोट करने की अपील कर रहे हैं।
अपनी अपील के साथ इमरान खान बॉलीवुड स्टार राजेश खन्ना का एक डायलॉग भी बोल रहे हैं, जो 1971 में रिलीज हुई फिल्म ‘आनंद’ से लिए गए हैं। फिल्म में आनंद का किरदार निभा रहे राजेश खन्ना को कैंसर बीमारी हो जाती है। अमिताभ बच्चन उनके मित्र होते हैं, जो एक डॉक्टर हैं। काफी कोशिशों के बाद भी हंसमुख स्वभाव के आनंद यानी राजेश खन्ना को बचाया नहीं जा सकता है। जब आनंद की मौत होती है, तो उनका एक रिकॉर्ड संदेश उस कमरे में गूंजने लगता है, “बाबू मोशाय, ज़िंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ हैं, जहांपनाह…उसे ना आप बदल सकते हैं, ना मैं।”
#حقیقی_آزادی_آنلائن_جلسہ
بانی چیئرمین تحریکِ انصاف عمران خان کا پاکستانی قوم کے نام اہم پیغام، #PTIVirtualJalsa pic.twitter.com/kQjOTUrEtT— Saira Aliᴾᵃᵏᴾᵒʷᵉʳ (@1sarz_) December 18, 2023
इस फिल्म का यह जबरदस्त डायलॉग है, जो सिनेमाघरों में दर्शकों को रुला देता है। इसे गुलजार ने लिखा था। इमरान खान ने भी अपने चार मिनट के संबोधन के अंत में इसी का उर्दू तर्जुमा पेश किया है। वह कहते हैं, “ज़िंदगी और मौत इज्जत तला के हाथ में है, इसलिए किसी से ना डरें और 8 फरवरी को बड़ी तादाद में वोट डालने का इरादा करें।” इस वीडियो को अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
इमरान खान का यह भाषण ऐसे समय में सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जब 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले चुनाव आयोग उनकी पार्टी का वजूद ही खत्म करने पर तुला है। इस बीच, पाकिस्तान के पेशावर हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि आज (शुक्रवार, 22 दिसंबर) तक इमरान खान की पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और चुनाव चिह्न आवंटन मामले पर फैसला कर ले।
हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखे गए फैसले को सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आंतरिक चुनावों पर विवाद पहले ही पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) द्वारा विस्तार से सुना जा चुका है, और उसने भी मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख रखा है।’डॉन’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति अतीक शाह और न्यायमूर्ति शकील अहमद की दो सदस्यीय पीठ ने ईसीपी को शुक्रवार तक कानून के अनुसार इस मामले पर निर्णय लेने का आदेश दिया।
खबर के अनुसार अदालत जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान (71) की पार्टी पीटीआई ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि वह चुनाव आयोग को उसके आंतरिक चुनावों के नतीजे आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दे, जो 8 फरवरी को आगामी आम चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक है। पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर खान ने ईसीपी पर मामलों में देरी करने का दावा करते हुए अदालत को बताया कि खान द्वारा बनायी गई पार्टी को चुनाव चिह्न ‘क्रिकेट बैट’ आवंटित नहीं किया जाएगा, यदि निर्वाचन आयोग पार्टी के आंतरिक चुनाव को मान्यता नहीं देता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों को तब निर्दलीय माना जाएगा। इससे आम जनमानस में कन्फ्यूजन होगा और पीटीआई को वोट मिलने में दिक्कत होगी।