ताइवान की ये कंपनी भारत में करेगी 1200 करोड़ का निवेश, सबसे बड़े दानवीर का करेगी बेड़ापार

ताइवान की सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन भारत के लिए कोई नया नाम नहीं है. एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन भारत में अपने पांव को और मजबूती के साथ जमाने का प्रयास कर रही है. इसके लिए कंपनी ने भारत में सेमीकंडक्टर में उतरने का फैसला लिया. जिसके लिए पहले कंपनी ने वेदांता के साथ पार्टनरशिप की, लेकिन बाद में फॉक्सकॉन को वेदांता का साथ छोड़ना पड़ा. अब जो खबरें आई है वो बेहद हैरान करने वाली हैं.

फॉक्सकॉन ने देश के सबसे बड़े दानवीर की कंपनी से हाथ मिला लिया है. जिसकी कंपनी का साथ मिलकर फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर चिप पर काम करेगी. यहां तक कि फॉक्सकॉन ने इसकी फैक्ट्री लगाने के लिए 1200 करोड़ रुपए के निवेश का भी ऐलान कर दिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश के दिग्गज बिजनेसमैन और दानवीर की कंपनी के साथ मिलकर फॉक्सकॉन ‘सेमीकॉन’ पर काम करेगी.

इस दिग्गज के साथ मिलाया हाथ

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख फॉक्सकॉन ने एचसीएल ग्रुप के साथ साझेदारी में भारत में एक चिप असेंबली और टेस्टिंग प्लांट के निर्माण के लिए बिड इनवाइट की है. कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती निवेश के तौर पर 1,200 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला लिया है. फॉक्सकॉन ने कहा कि वह अपनी खुद की लैंड पर प्लांट लगाने जा रही है, जो उसने पहले से ही खरीदी है. साथ ही कंपनी की ओर से कहा गया है कि यह बिड फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से इनवाइट की गई है.

एचसीएल ग्रुप के साथ पार्टनरशिप

इस महीने की शुरुआत में खबर सामने आई थी कि फॉक्सकॉन देश में चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग वेंचर शुरू करने के लिए भारत के एचसीएल ग्रुप के साथ पार्टनरशिप कर रहा है. कंपनी ने कहा कि ताइवानी कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर की यूनिट फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट ज्वाइंट वेंचर में 40 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 37.2 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी.

जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से आईफ़ोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स का दुनिया का सबसे बड़ा असेंबलर, फॉक्सकॉन भारत में विस्तार कर रहा है. साथ ही चीन में लगातार बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता की वजह से काम करना काफी मुश्किल हो गया है. फॉक्सकॉन भारत में आईफ़ोन का सबसे बड़ा मेकर है, जिसकी टोटल प्रोडक्शन में 68 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद पेगाट्रॉन 18 फीसदी और विस्ट्रॉन [टाटा] 14 फीसदी है.

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