Corona: 9 दिन में डबल हुए कोरोना के केस, फिर उठने लगे ‘दूसरी लहर’ के डरावने सवाल

देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने करीब 7 महीने पहले कोविड-19 से जुड़ी पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी वापस ले ली थी लेकिन कोरोना के JN.1 वायरस ने एक बार फिर दुनिया भर के देशों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने पर मजबूर कर दिया है. कोरोना के चढ़ते ग्राफ का अंदाजा इसी बता से लगाया जा सकता है कि पिछले 9 दिनों में ही कोरोना के दोगुने केस हो गए हैं. केरल के बाद अब महराष्ट्र और गोवा में भी कोरोना के नए वेरिएंट ने दहशत फैलाना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र में कोरोना के नए वेरिएंट का एक मरीज सामने आया है जबकि गोवा में 18 मामले मिले हैं. नए मामले सामने आने के बाद देशभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 2 हजार के करीब पहुंच गई है. जबकि 11 दिसंबर को कोरोना के 938 मामले सामने आए थे.

पिछले 24 घंटे की बात करें तो देश में कोरोना के 640 मामले सामने आए हैं, जबकि एक मरीज की मौत हुई है. नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 2997 हो गई है. केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. केरल में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 265 मामले मिले हैं जबकि कुल संक्रमितों की संख्या अब 2606 हो गई है. केरल में जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं, उसने कोरोना की दूसरी लहर की खौफनाक यादें ताजा कर दी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO भले ही कह रहे हों कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन लोगों के जेहन में कई ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं, जिसके जवाब जानना बेहद जरूरी हो गया है.

Cold

क्या सर्दी-जुकाम होने पर टेस्ट कराना जरूरी है

मौसम में बदलाव के साथ ही हर घर में कोई न कोई इन दिनों सर्दी और जुकाम से परेशान है. कोरोना की दहशत के बीच लोगों में डर है कि कहीं उन्हें भी तो कोरोना नहीं हो गया है. लोगों के डर के बीच WHO की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया है कि मौसम में बदलाव के साथ इंफ्लुएंजा A,एडेनोवायरस, राइनोवायरस और रेस्पिरेटरी सिंकायटियल वायरस का इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है. इसके लक्षण काफी कोविड-19 से मिलते दिखते हैं. हालांकि ये जरूरी नहीं कि हर किसी को इसके लिए कोरोना की जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये टेस्ट उन लोगों के लिए जरूरी है कि जिन्हें सर्दी-जुकाम और बुखार के साथ ही सांस लेने में समस्या हो रही है. जिन्हें पहले से सांस की बीमारी है या निमोनिया है उनके लिए जांच जरूरी है.

क्या सभी को मास्क लगाना जरूरी है ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर के देशों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के केसों पर चिंता जताई है और सरकारों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कहा है. कोरोना ग्राफ को देखते हुए डॉक्टरों की सलाह है कि बंद और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं वहां पर एहतियात बरतने की जरूरत है. हर किसी के लिए मास्क पहनना फिलहाल जरूरी नहीं है. बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भीड़ भाड़ वाली जगह पर मास्क लगाना चाहिए. यही नहीं जिन लोगों को खासी या जुकाम है उन्हें दूसरों के लिए मास्क पहनना चाहिए.

Boster Dose

क्या बूस्टर डोज लगवाने से कोरोना से बचा जा सकता है?

वैक्सीन ने कोरोना पर काबू पाने में काफी मदद की थी. कोरोना के पीक के वक्त काफी लोगों ने कोरोना के दो ही डोज लगवाई है. काफी सारे लोगों ने कोरोना की बूस्टर डोज नहीं लगवाई. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे में वक्त के साथ वैक्सीन का असर भी धीरे-धीरे कम जरूर हुआ है. यही कारण है कि एक बार फिर लोग कोरोना से संक्रमित होने लगे हैं. WHO ने भी इसी वजह से JN.1 वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया है, जो तेजी से दुनियाभर के देशों में अपने पैर जमा रहा है.

टेस्ट के बिना कैसे पता चलेगा बढ़ रहे केस

देश के ज्यादातर हिस्सों को कोरोना को लेकर अभी भी लोग लापरवाह हैं. पिछले कई बार के कोरोना वैरिएंट को देखें तो हर बार मामले बढ़े लेकिन टेस्ट कम ही कराए गए. इस बार जिस तरह से कोरोना का JN.1 वेरिएंट अमेरिका, चीन और सिंगापुर में बढ़ रहा है, उसे देखने के बाद अब WHO भी गंभीर हो गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना का सही आंकड़ा जानना है तो वेस्ट वाटर टेस्टिंग करना होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक कई देशों में वेस्ट वाटर के नमूनों का टेस्ट करके पता लगाया जा सकता है कि किस तरह का संक्रमण फैल रहा है.

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