फलक पर चांद हुए आगरा के सितारे: बॉलीवुड में सफलता का शिखर छू रहे कलाकार, फिल्म फेयर अवार्ड में नामित हुई फिल्म
आगरा के सितारे फलक पर चांद सा चमक रहे हैं। यहां के कलाकार बॉलीवुड में सफलता का शिखर छू रहे हैं। फिल्म फेयर अवार्ड में नामित हुई फिल्म तो नई उड़ान मिली।
ताजनगरी आगरा के सितारे बॉलीवुड के फलक पर चांद सा चमक रहे हैं। संघर्ष पथ इन कलाकारों के जीवन का आभूषण रहा है। कभी हार नहीं मानने की जिद ने बॉलीवुड जगत में इन कलाकारों को आम से खास बना दिया है। फिल्म और सीरियल के शौकीन इन कलाकारों को पलकों पर बैठा रहे हैं। अवसर को उपलब्धियों में तब्दील करने की खासियत रही कि अभिनेता प्रमोद पांडेय, फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह और गीत लेखक प्रमोद कारवाला सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं।
मजबूत सोच से मिलती बढ़ने की प्रेरणा
बॉलीवुड फिल्मों के उभरते गीतकार नरेश कुमार का नाम मुंबई पहुंचकर नरेश कारवाला पड़ गया। वह कहते हैं कि मेरी मजबूत सोच हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। संघर्ष जारी रखने के लिए कार बेचने-खरीदने का काम किया। 26 जनवरी पर उनका लिखित गीत अनन्य भारत, अखंड भारत, प्रगति पथ पर अडिग भारत ने धूम मचा दी।
वह कहते हैं कि 2002 में स्टार प्लस पर पहली बार कृष्णा-अर्जुन सीरियल के 10 एपीसोड के लिए अलग-अलग थीम सॉन्ग लिखने को मिले। फिल्म निर्देशक आनंद बलराज की फिल्म ‘दाल में कुछ काला’ में पाकिस्तानी अभिनेत्री वीना मलिक को गीतकार नरेश के लिखे गाने ‘मैं हूं मैडम मलाई’ ने नई पहचान दी।
जीवन के शब्दकोष में नहीं थी हार
जीवनी मंडी के रहने वाले अभिनेता प्रमोद पांडेय कहते हैं कि जीवन के शब्दकोष में हार शब्द नहीं था। इसलिए 67 साल की उम्र में वो मिला, जिसके लिए जीवनभर संघर्ष किया। अभिनेता प्रमोद ने हाल में रिलीज हुई हिंदी फिल्म ‘मैं अटल हूं’ में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का किरदार निभा चुके हैं।
2023 में आई अनिल शर्मा निर्देशित फिल्म ‘गदर-2’ में अभिनेत्री के पिता के दोस्त का अभिनय कर चुके हैं। फिल्म ‘सैम बहादुर’ में फखरुद्दीन अली अहमद का अभिनय कर चुके हैं। अभिनेता मनोज वाजपेयी की फिल्म भैया जी, फिल्म निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म जर्नी और नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म ‘सैनिक’ में किरदार निभा रहे हैं।
मन की पक्की उड़ान से मिला आसमान
कम बजट और सीमित संसाधनों में फिल्में बनाने के लिए फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह प्रख्यात हैं। उनका बचपन में देखा सपना जब हकीकत में बदला तो उन्हीं लोगों ने पीठ थपथपाई जिन्होंने शुरुआती दौर में नकार दिया था। दुष्यंत कहते हैं कि ‘मेरी फिल्म जिंदगी शतरंज है’ जब फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नामित हुई तो मेरी खुशियां सातवें आसमान पर पहुंच गईं। इस फिल्म ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी शानदार उपलब्धि हासिल की। कॅरिअर के सफर में कई बार निराश हुआ। मन पक्का था इसलिए हार नहीं मानी।