दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ा, कतर से भारतीय नौसैनिकों की रिहाई पर बोले अनुराग ठाकुर

कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है और उनमें से सात आज को घर लौट आए. इसे भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है जो कतर की कोर्ट द्वारा उन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के लगभग साढ़े तीन महीने बाद मिली है. इन लोगों की मौत की सजा को बाद में जेल की सजा में बदल दिया गया था.

वहीं नौसैनिकों की रिहाई पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 45 दिन पहले उनकी मौत की सजा को घटाकर आजीवन कारावास में बदल दिया गया था. अब, हमारे नौसेना के दिग्गजों को घर वापस लाकर यह साबित हो गया है कि मोदी सरकार में हर जीवन महत्वपूर्ण है. इसीलिए ऑपरेशन गंगा में लगभग 27000 भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाला गया. किसी भी युद्धग्रस्त या आपदाग्रस्त देश से प्रवासी भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया है, चाहे वह नेपाल हो या अफगानिस्तान. पिछले 10 वर्षों में दुनिया में भारत का कद बढ़ा है.

कतर का दौरा करेंगे पीएम मोदी

बता दें कि भारतीय नौसैनिक रात लगभग 2:35 बजे एक निजी एयरलाइन के विमान से दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचे थे. वहीं विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद बुधवार को कतर की राजधानी दोहा का दौरा करेंगे, लेकिन संकेत दिया कि इस यात्रा की योजना काफी पहले बनाई गई थी. साथ ही विदेश सचिव ने कहा कि भारत आठवें भारतीय की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए कतर सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा.

इन लोगों के खिलाफ क्या आरोप थे

विदेश मंत्रालय ने सुबह एक बयान में कहा कि भारतीयों की रिहाई और उनकी स्वदेश वापसी को संभव बनाने के कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी के फैसले की भारत सराहना करता है. ऐसा माना जाता है कि सभी आठ भारतीयों को रिहा करने का आदेश अमीर ने दिया. नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के खिलाफ जासूसी का आरोप था. हालांकि न तो कतर के प्रशासन और न ही भारतीय अधिकारियों की तरफ से इसको सार्वजनिक किया गया कि इन लोगों के खिलाफ क्या आरोप थे.

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