UP Politics: जया बच्चन बनीं अखिलेश यादव के लिए टेंशन, पार्टी के अंदर से उठे बगावत के सुर, सहयोगियों ने भी दिखाई आंख

अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद सिराथू से सपा विधायक और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने भी पार्टी के फैसले पर सवाल खड़ कर दिया. उन्होंने राज्यसभा उम्मीदवारों के एलान पर सवाल खड़े किए. इन दोनों नेताओं के फैसले ने अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा दी.

दरअसल, सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव द्वारा जया बच्चन को फिर से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले पर पार्टी में बगावत के सुर तेज हुए हैं. पार्टी के कई नेता सपा के इस फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्रों की माने तो स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की भी यही वजह रही. सपा नेता इस्तीफा देने के लिए दी गई चिट्ठी में भी इसकी झलक दिखा दी. उन्होंने कहा कि मैं PDA को जोड़ना चाहता था लेकिन पार्टी तैयार नहीं रही. मेरे साथ भेदभाव किया गया है.

इस फैसले पर खड़े हुए सवाल

अखिलेश यादव के फैसले पर पार्टी नेताओं के अलावा सहयोगियों ने भी आंख दिखाना शुरू कर दिया है. सपा गठबंधन की पार्टी अपना दल कमेरावादी ने जया बच्चन और आलोक रंजन को उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. अपना दल कमेरावादी और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने तो इस चुनाव में सपा के उम्मीदवारों को वोट देने से भी इनकार कर दिया है. उन्होंने इनकी उम्मीदवारी का विरोध किया है.

पल्लवी पटेल ने साफ कर दिया है कि वो राज्यसभा में सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगी. एक निजी चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पीडीए की लड़ाई को अगर बच्चन या रंजन बनाने की कोशिश करेंगे तो वो उनके साथ नहीं हैं. यानी संदेश स्पष्ट है कि अब जया बच्चन अखिलेश यादव के लिए नई टेंशन बन गई हैं. सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में कुछ और पार्टी विधायकों के अलावा नेता भी इसपर सवाल खड़े कर सकते हैं.

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