ध्रुव जुरैल ने भी अपने डेब्यू टेस्ट में ही किया बड़ा कारनामा, ये कीर्तिमान बनाकर बने स्टार

राजकोट टेस्ट में जो भारतीय टीम मैदान पर उतरी है, वो पिछले करीब दस साल की सबसे कम अनुभवी टीम मानी जा रही है। बल्लेबाजों की बात की जाए तो रोहित शर्मा के अलावा किसी भी दूसरे बल्लेबाज के पास ज्यादा एक्सपीरिएंस नहीं है। खास बात ये भी है कि खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण दो दो डेब्यू एक साथ करा दिए गए। सरफराज खान और ध्रुव जुरैल ने अपना पहला टेस्ट खेला। लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों ने पहले डेब्यू में जिस तरह की बल्लेबाजी की, उससे कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने राहत की सांस ली होगी। सरफराज के कीर्तिमानों के बारे में तो आपने खूब पढ़ और सुन लिया होगा, लेकिन ध्रुव जुरैल ने क्या किया, अब ये भी जान ही लीजिए।

ध्रुव जुरैल ने डेब्यू टेस्ट में ही मारे 3 छक्के 

ध्रुव जुरैल को उम्मीद रही होगी कि पहले ही दिन उनकी बल्लेबाजी आ जाएगी। जब सरफराज खान पहले दिन शाम को खेल खत्म होने से पहले आउट हुए तो लगा कि जुरैल आएंगे, लेकिन कोच और कप्तान ने कुलदीप यादव को नाइटवॉच मैन के तौर पर उतार दिया। कुलदीप दूसरे दिन सुबह आउट हो गए। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए ध्रुव जुरैल आए। शुरू में तो देखने से ही लग रहा था कि डेब्यू में उनकी धुकधुकी बढ़ी हुई है। लेकिन जैसे जैसे उनके बल्ले से रन आते गए, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता चला गया। इसके बाद तो उन्होंने कुछ आक्रामक स्ट्रोक भी खेले। उन्होंने अपनी छोटी सी इम्पैक्टफुल पारी के दौरान 3 छक्के लगाए। साथ ही उन्होंने दो चौके भी लगाए। ध्रुव जुरैल अब हार्दिक पांड्या के बाद दूसरे ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में 3 छक्के लगाए हों। इससे पहले हार्दिक पांड्या ने श्रीलंका के खिलाफ गॉल में साल 2017 में 3 छक्के जड़े थे। हालांकि वे 46 रन बनाकर आउट हो गए और अपना पहला अर्धशतक पूरा करने से चूक गए।

जुरैल के नाम ये भी रिकॉर्ड 

उनके बाकी रिकॉर्ड की बात की जाए तो ध्रुव जुरैल ने भारत के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज डेब्यू पारी में तीसरी सबसे बड़ी पारी खेलने में कामयाब रहे। इस मामले में केएल राहुल नंबर एक पर हैं। केएल राहुल ने साल 2014 में ही टेस्ट डेब्यू कर लिया था, लेकिन वे स्पेशलिस्ट बैटर के तौर पर ही खेल रहे थे। लेकिन जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट विकेटकीपर के रूप मे खेला तो शतक जड़ने में कामयाबी हासिल की थी। साल 2023 में सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 101 रन की पारी खेली थी। वहीं बात अगर दूसरे नंबर के बल्लेबाज की करें तो वे दिलावर हुसैन थे। जिन्होंने साल 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में 59 रन की पारी खेली थी। हालांकि दिलावर हुसैन ज्यादा वक्त तक क्रिकेट नहीं खेल पाए और तीन टेस्ट के बाद ही उनके करियर का भी अंत हो गया। इसलिए शायद आप लोगों में से ज्यादातर ने उनका नाम भी नहीं सुना होगा।

इस मामले में भी नयन मोंगिया से आगे निकले ध्रुव 

इसके बाद तीसरे नंबर पर अब ध्रुव जुरैल आ गए हैं। उन्होंने आज राजकोट में अपने पहले ही टेस्ट में 46 रन की दमदार पारी खेली। वे अर्धशतक तो डिजर्व करते थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा, लेकिन अपनी इस छोटी सी पारी में ही उन्होंने सभी को प्रभावित कर दिया। इसके बाद कौन है, अगर इसकी बात करें तो नयन मोंगिया का नाम आता है। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ साल 1994 में डेब्यू करते हुए 44 रन बनाए थे। यानी इस तरह से देखें तो ध्रुव जुरैल केएल राहुल और दिलावर हुसैन से तो पीछे हैं, लेकिन उन्होंने नयन मोंगिया को पीछे छोड़ दिया है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि आने वाले वक्त में ध्रुव जुरैल और सरफराज खान किस तरह की बल्लेबाजी करते हैं।

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