नए साल में शुरू होगा देश का सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट, पहले दिन उड़ेंगे 65 विमान; जानें अब कितना बचा है काम
नया साल 2024 ग्रेटर नोएडा शहर के लिए नई उम्मीदें लेकर आ रहा है। नए साल में कई बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी। 2024 में होने वाले अहम बदलावों की जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं। आज पहली कड़ी में पढ़िए नए साल में जेवर में शुरू होने जा रहे विश्व के तीसरे और देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विशेष रिपोर्ट।
क्षेत्रफल में विश्व के तीसरे और देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन अगले साल सितंबर तक शुरू हो जाएगा। इस समय टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे और एटीसी टावर का निर्माण चल रहा है। आधुनिक तकनीक से युक्त यह डिजिटल एयरपोर्ट होगा। सांस्कृतिक धरोहर को समेटे इस एयरपोर्ट में बनारस के घाटों की झलक दिखेगी।
जेवर में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। पहले चरण का काम 1334 हेक्टेयर में चल रहा है। सितंबर तक एक रनवे के साथ एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे, एटीसी टावर और अन्य कामों में 400 से अधिक मशीनें और आठ हजार से अधिक श्रमिक लगे हुए हैं। फरवरी तक एयरपोर्ट का ट्रायल रन शुरू हो जाएगा। इस पूरी परियोजना में छह रनवे बनेंगे। इसमें से एक रनवे एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहालिंग) के लिए आरक्षित रहेगा। एमआरओ हब दूसरे चरण में विकसित होगा।
मल्टी मॉडल कार्गो हब 80 एकड़ में बनेगा
एयरपोर्ट परिसर में 80 एकड़ में मल्टी मॉडल कार्गो हब विकसित किया जाएगा। यहां से दो लाख टन माल हर साल जा सकेगा। यह क्षमता 20 लाख टन सालाना तक की जाएगी। इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल होगा। यहां कूलपोर्ट बनेगा, जिससे दवाओं आदि के लिए उचित तापमान मिल सकेगा। कोरियर टर्मिनल और ट्रकिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा।
दस एयर ब्रिज बनेंगे
एयरपोर्ट में दस एयर ब्रिज यात्रियों के सफर को आसान करेंगे। इससे यात्री विमान से सीधे टर्मिनल बिल्डिंग में आ-जा सकेंगे। एयरपोर्ट के संचालन के साथ ही एयर ब्रिज भी शुरू हो जाएंगे। बिना एयर ब्रिज के यात्रियों को बस से विमान तक ले जाया जाता है। फिर वहां सीढ़ी लगाकर उन्हें चढ़ाया जाता है। एयर ब्रिज के जरिये यात्री टर्मिनल बिल्डिंग से सीधे विमान तक पहुंच सकेंगे।
अब तक यह काम हो चुके
● एयरपोर्ट में 3900 मीटर लंबे रनवे का काम अंतिम चरण में है। रनवे में कोटिंग का काम चल रहा है।
● 38 मीटर ऊंचे और आठ मंजिला एटीसी टावर का काम चल रहा है। ऊपरी हिस्से में शीशे आदि लगाने का काम जारी है।
● मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए सिस्टम लगा दिया गया है।
● टर्मिनल बिल्डिंग का काम चल रहा है। ढांचा खड़ा होने के बाद फिनशिंग शुरू होगी।
● एयरपोर्ट और फ्लाइट में कैटरिंग के लिए एमओयू हो चुका है।
● नोएडा एयरपोर्ट का कोड आवंटित हो गया है। दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मिलता-जुलता कोड नोएडा एयरपोर्ट को मिला है। इस एयरपोर्ट की पहचान डीएक्सएन (DXN) से होगी।
पहले दिन से 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी
नोएडा एयरपोर्ट से पहले दिन से 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 घरेलू, दो अंतरराष्ट्रीय और एक कार्गो फ्लाइट शामिल है। शुरुआत में यहां से लोगों को इंडिगो एयरलाइन की सेवा मिलेगी। इसके लिए एमओयू हो गया है।
एमआरओ हब 1365 हेक्टेयर में बनेगा
दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर में एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहालिंग) हब विकसित होगा। इसके लिए डेडीकेटेड रनवे बनेगा। अभी तक देश में एमआरओ का कोई बड़ा हब नहीं है। विमानों की मरम्मत के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी। यह काम एयर इंडिया और सैट्स का ज्वॉइंट वेंचर एयर इंडिया सैट्स (एआईएसएटीएस) करेगा। एआईएसएटीएस ने नोएडा कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एसपीवी बनाकर काम शुरू कर दिया। इसमें 1200 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
एयरपोर्ट का पहला चरण
●1334 हेक्टेयर है एयरपोर्ट के पहले चरण का क्षेत्रफल
●12 लाख यात्री यहां से हर साल उड़ान भर सकेंगे
●96,400 फ्लाइट का आवागमन हो सकेगा हर साल
●2,49,600 टन कार्गो यहां से आ-जा सकेगा
●1,01,590 वर्ग मीटर में बन रही है टर्मिनल बिल्डिंग
●3,900 मीटर लंबा होगा पहला रनवे
●28 एयरक्राफ्ट स्टैंड बनाए जाएंगे पहले फेज में
●40 एकड़ में विकसित होगा एमआरओ हब
●167 एकड़ में रियल एस्टेट डेवलपमेंट हो सकेंगे
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर, ”नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का संचालन अगले साल शुरू हो जाएगा। डेड लाइन के हिसाब से एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। यहां यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।”