UP Railway: यूपी में 4 हजार एकड़ में हाईटेक होंगे 55 ये नए रेलवे स्टेशन, यहां देखें पूरी लिस्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘अमृत रेलवे स्टेशन योजना‘ के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 55 रेलवे स्टेशनों पर होने वाले कार्यों का वर्चुअली शिलान्यास किया.
इस मौके पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मंत्री भी इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मौजूद रहे. उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से इन रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा।
लखनऊ मंडल के 10 से ज्यादा स्टेशन नए रूप में आएंगे नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशभर के कुल 508 रेलवे स्टेशनों से जुड़े कार्यों का शिलान्यास किया. इनमें उत्तर प्रदेश के भी 55 रेलवे स्टेशन शामिल हैं. लखनऊ के ऐशबाग, बादशाहनगर और उतरठिया रेलवे स्टेशन को इसमें शामिल किया गया है।
लखनऊ मंडल की बात करें तो इसमें इसके लिए दस से ज्यादा स्टेशन चुने गए हैं. अयोध्या के आसपास के स्टेशनों का भव्य विकास होने से यहां आने वाले करोड़ों भक्तों को दूर से ही राम नगरी की भव्यता का एहसास होने लगेगा. इस योजना के तहत 21.9 करोड़ से दर्शन नगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास होगा।
बेहद भव्य होगा अयोध्या धाम का स्टेशन
अयोध्या धाम से सटा यह स्टेशन न केवल भव्य होगा बल्कि सभी आधुनिक सुविधाओे से युक्त होगा. इसका विकास होने से अयोध्या के लिए ट्रेन की संख्या बढ़ाने में रेलवे को सहयोग मिलेगा. अयोध्या स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ को भी कम किया जा सकेगा।
दर्शन नगर धार्मिक और पर्यटन की नजर में भी बेहद महत्वपूर्ण है. ऐतिहासिक सूर्य र्कुंड यहां से मात्र एक किलोमीटर है. दर्शन नगर के अलावा अकबरपुर, बाराबंकी, प्रतापगढ़, शाहगंज, जफराबाद आदि लखनऊ मंडल के 10 स्टेशनों का विकास किया जाएगा. इससे अयोध्या आने वाले यात्रियों को आसपास के स्टेशनों पर भी सहूलियत मिलेगी।
वाराणसी में 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकास
अमृत भारत योजना के तहत पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस, सिटी और उत्तर रेलवे के काशी स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में सुधार और विस्तार किया जाएगा. बनारस और वाराणसी सिटी स्टेशनों पर आगामी 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यात्री सुविधाओं और विकास कार्यों का खाका खींचा जाएगा.
रेल अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि स्टेशनों पर बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, एग्जिक्यूटिव लाउंज और अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप साइनेज का प्रावधान किया जाए।
शहर के दोनों हिस्सों से जुड़ेंगे स्टेशन
वाराणसी शहर के दोनों हिस्सों से स्टेशनों का जुड़ाव होगा, ताकि वह सिटी सेंटर के रूप में उभरेंगे. वहीं, स्थानीय स्थापत्य कला व संस्कृति के अनुरूप स्टेशन भवन को आकर्षक स्वरूप दिया जाएगा.
स्टेशन भवन में सुधार, विकास और शहर के दोनों हिस्सों के साथ ही स्टेशन को एकीकृत करने और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, स्टैंडर्ड साइनेज, पर्यावरण अनुकूल कार्य किए जाएंगे, ताकि यह सिटी सेंटर के रूप में उभरें।
वाराणसी स्टेशन के प्रथम प्रवेश द्वार का बदलेगा स्वरूप
पूर्वोत्तर रेलवे के आदर्श स्टेशनों में शुमार बनारस स्टेशन के पहले प्रवेश द्वार भवन का स्वरूप बदलेगा. आकर्षक प्रवेश द्वार, सर्कुलेटिंग एरिया के ड्रैनेज व्यवस्था में सुधार, अत्याधुनिक प्रसाधन केंद्रों का निर्माण, सर्विस भवन में सुधार, यात्रियों के लिए नौ लिफ्ट, दो ऐस्केलेटर और 12 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण किया जाएगा।
सिटी स्टेशन पर लगेंगे पांच लिफ्ट और चार ऐस्केलेटर
वाराणसी सिटी स्टेशन भवन को आकर्षक स्वरूप देने के साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया, एप्रोच रोड व प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सुधार कार्य किया जाएगा. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वेटिंग हॉल व प्रसाधनों का निर्माण होगा.
यात्रियों की सुविधा के लिए पांच लिफ्ट, चार एस्केलेटर के साथ ही 12 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज बनेगा। स्टेशन को सुंदर और आकर्षक दिखने के लिए फसाड लाइटिंग की जाएगी।
रेलवे परिवहन का पंसदीदा साधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते रहे हैं. रेलवे को देश भर में लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन बताते हुए उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया है. इस विजन से तहत देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।
सिटी सेंटर के रूप में विकसित करने का मास्टर प्लान
इस योजना के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री ने 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी. इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया जाएगा.
शहर के दोनों किनारों को समुचित रूप से जोड़ते हुए इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं. यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से प्रेरित है।
ये 508 स्टेशन देश के 27 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्थित हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।
यात्रियों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
रेलवे अफसरों के मुताबिक पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए चिह्नों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा।
यूपी में मंत्रियों, सांसद और विधायक वर्चुअल तौर पर कार्यक्रम से जुड़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी समेत कई केंद्रीय व राज्य के मंत्रियों के अलावा सांसद, विधायक व अन्य प्रमुख नेता वर्चुअल तौर पर अलग अलग स्थानों से कार्यक्रमों से जुड़े. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी लखनऊ में बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी, डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय चंदौली, कौशल किशोर उतरेटिया (लखनऊ), अनुप्रिया पटेल विंध्याच, साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर, वीके सिंह गाजियाबाद और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इसके अलावा देवरिया, कासगंज, बस्ती, कानपुर, बलिया, उन्नाव, गोवर्धन, दर्शनगर, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, झांसी, फर्रखाबाद, मोदीनगर, शामली, हापुड़, रामपुर, हरदोई, फूलपुर, प्रतापगढ़, चोपन, अछनेरा रेलवे स्टेशन पर स्थानीय सांसदों के साथ राज्य के मंत्रियों और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना।