दो मकानों पर इजराइली हमले में 90 से अधिक फलस्तीनियों की मौत; बाइडन का युद्धविराम के अनुरोध से इनकार

गाजा में दो मकानों पर इजराइल के हमले में एक बड़े परिवार के दर्जनों लोगों समेत 90 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए। बचावकर्मियों, अस्पताल के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेतावनी दी थी कि क्षेत्र में कोई जगह सुरक्षित नहीं है और इजराइल की आक्रामकता से लोगों तक मानवीय मदद पहुंचाने में ‘‘अत्यधिक बाधा’’ आ रही है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से शनिवार को बात की और इसे निजी बातचीत करार दिया। एक दिन पहले बाइडन प्रशासन ने एक बार फिर राजनयिक संदर्भ में इजराइल का बचाव किया। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव अंगीकार किया जिसमें गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता की आपूर्ति में तेजी लाने का आह्वान किया गया है।

हालांकि प्रस्ताव में युद्ध विराम का जिक्र नहीं है।

नेतन्याहू के साथ फोन पर हुई बातचीत के बारे में बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने युद्ध विराम के लिए नहीं कहा।’’ नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘‘स्पष्ट किया कि इजराइल अपने लक्ष्यों को हासिल करने तक युद्ध जारी रखेगा।’’
शनिवार को इजराइल की सेना ने कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले सप्ताह गाजा में सैकड़ों कथित आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए 200 से अधिक लोगों को इजराइल भेजा। सेना ने कहा कि हमास और इस्लामिक जिहाद से संबंध के आरोप में अब तक 700 से अधिक लोगों को इजराइल की जेलों में बंद किया गया है।
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार शाम को बताया कि पिछले 24 घंटे में 201 लोगों की मौत हुई है।गाजा के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता महमूद बासल ने कहा कि शुक्रवार को हवाई हमलों ने दो मकान नष्ट हो गए, जिसमें गाजा शहर में स्थित एक मकान भी शामिल है जहां अल-मुगराबी परिवार के 76 लोग मारे गए थे जिससे यह हमला युद्ध के सबसे घातक हमलों में से एक बन गया।

मारे गए लोगों में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के एक अनुभवी कर्मचारी इस्साम अल-मुगराबी, उनकी पत्नी और उनके पांच बच्चे शामिल थे। एजेंसी के प्रमुख अचिम स्टीनर ने कहा, ‘‘गाजा में संयुक्त राष्ट्र और नागरिक निशाना नहीं हैं। लेकिन यह युद्ध समाप्त होना चाहिए।’’

अल अक्सा शहीद अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, नुसीरात के शहरी शरणार्थी शिविर में हुए हमले में एक स्थानीय टीवी पत्रकार मोहम्मद खलीफा का मकान नष्ट हो गया, जिससे उनकी और कम से कम 14 अन्य लोगों की मौत हो गई। इसी अस्पताल में हमले में मारे गए लोगों के शवों को ले जाया गया था।

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