दिल्ली के अस्पतालों से नकली दवाइयों को तुरंत हटाएं… स्वास्थ्य सचिव से बोला विजिलेंस विभाग

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में खराब गुणवत्ता वाली दवा दिए जाने का मामला अब तूल पकड़ लिया है. रविवार को विजिलेंस विभाग ने दिल्ली के हेल्थ सेक्रेटरी को लैब टेस्ट में फेल पाई गई दवाओं को सभी अस्पतालों से तुरंत हटाने का निर्देश दिया है. विजिलेंस विभाग ने कहा है कि कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए खराब स्तर की दवाओं को तुरंत जब्त किया जाए.

विजिलेंस विभाग ने अपने निर्देश में कहा है कि लैब टेस्ट में फेल हुई दवाओं के स्टॉक को अस्पतालों से तुरंत हटाया जाए, जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में मरीजों के मानकों पर खरी न उतरने वाली दवाई न पहुंचे. इसके साथ-साथ इन दवाओं की सप्लाई करने, बेचने वाले डिस्ट्रीब्यूटर या दवा निर्माताओं को और भुगतान नहीं करने का निर्देश भी दिया गया है.

स्वास्थ्य सचिव से भुगतान की मांगी पूरी जानकारी

विभाग ने हेल्थ सेक्रेटरी से दवा बनाने वाली कंपनी और सप्लाई करने वालों को अब तक कितना भुगतान किया गया और कितना भुगतान बकाया है इसकी जानकारी भी मांगी है. हेल्थ सेक्रेटरी को कहा गया है कि दवाओं की खरीद से संबंधित सभी दस्तावेजों के साथ-साथ टेंडर प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों और उससे संबंधित फाइलों को तुरंत अपने कब्जे में लें और इन दस्तावेजों को 26 दिसंबर तक विजिलेंस विभाग को सौंपे. इसके साथ-साथ अगले 48 घंटे में की गई कार्रवाई पर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं की वैकल्पिक व्यवस्था करने के दिए निर्देश

दूसरी ओर रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को घटिया दवाओं के स्थान पर जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है ताकि जनता को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो और मरीजों का इलाज निर्बाध रूप से जारी रहे. अभी तक कोई दवाइयों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने नाराजगी भी जताई है.

मंत्री ने वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी मांगी

मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर डीजीएचएस और अस्पतालों द्वारा मानक गुणवत्ता की दवाओं की वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी है. इसके साथ-साथ स्वास्थ्य सचिव से 15 दिनों के भीतर सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक एसओपी डिजाइन करने को कहा है.

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