हुक्का पर लगा बैन, सिगरेट खरीदने की उम्र भी हुई तय, उल्लंघन करने पर 1 लाख का जुर्माना

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को राज्य भर में हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया, जिसमें निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए एक से तीन साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना सहित कठोर दंड शामिल है।

अधिसूचना के अनुसार, अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और तंबाकू से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए मौजूदा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) में संशोधन के बाद प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य ने 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। क्या है हुक्का? बता दें कि कई लोग सिगरेट की जगह हुक्का पीना चुनते हैं, लेकिन अलग-अलग फ्लेवर के साथ कई बार हुक्का सिगरेट पीने से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। फ्लेवर्स को कोयला पर गर्म किया जाता है और फिर धुएं को एक ट्यूब और माउथपीस से सांस के जरिए खींचा जाता है.

हुक्के से निकलने वाले धुएं में सिगरेट के धुएं के समान ही जहरीले कॉम्पोनेन्ट होते हैं, जिनमें निकोटीन, टार शामिल हैं। एक शोध के अनुसार, हुक्का के धुएं में कम से कम 82 जहरीले केमिकल और कार्सिनोजेन्स की पहचान की गई है। पानी से गुजरने के बावजूद, तंबाकू (Tobacco) में मौजूद खतरनाक केमिकल काफी हद तक आपको नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही जो कोयला होता है, उसकी भी गैस बनती है जो खतरनाक साबित हो सकती है।

हुक्का से होने वाले नुकसान इसके सेवन से सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है। जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और ब्रोंकाइटिस, दिल का दौरा और इससे जुड़ी बीमारियां आदि। इतना ही नहीं अलग-अलग कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेष रूप से हुक्का पीने से फेफड़ों और मुंह का कैंसर हो सकता है।

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