जम्मू-कश्मीर के पूर्व-गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर पर CBI का छापा

खबर आ रही है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व-गवर्नर सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) के घर पर CBI का छापा पड़ा है. इंडिया टुडे के मुनीष पांडे के इनपुट्स के मुताबिक़, CBI जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए आवंटित 2200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार केस में सत्यापाल मलिक की जांच कर रही है.

जांच एजेंसी ने मलिक के दिल्ली, गुरुग्राम और बागपथ स्थित आवास और दफ़्तर की तलाशी ली. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी 30 ठिकानों पर छापा मारा है.

किस मामले में फंसे हैं मलिक?

सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. तब जम्मू-कश्मीर राज्य था, केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना था. पूर्व-राज्यपाल ने आरोप लगाए थे कि उनके गवर्नर-काल के दौरान उन्हें एक प्रोजेक्ट से जुड़ी दो फ़ाइल्स पर दस्तख़त करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत पेश की गई थी, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था. इसमें से एक फ़ाइल RSS नेता से जुड़ी हुई थी.

इन आरोपों के आधार पर CBI ने अप्रैल, 2022 में दो मामले दर्ज किए थे. 14 जगहों पर छापे भी मारे थे. इन दो मामलों में अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGIC) और चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के अधिकारियों समेत अन्य पर मामला दर्ज किया था.

एजेंसी ने मलिक से भी इसी केस में पूछताछ की थी. CBI के एक अधिकारी ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर एजेंसी ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे.

निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने में लगभग 60 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप

और, 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) के सिविल कार्यों का 2,200 करोड़ रुपये का ठेका एक निजी फ़र्म को देने में कदाचार के आरोप.
CBI ने किरू हाइडल प्रोजेक्ट के केस में जो FIR दर्ज की थी, उसके मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर ऐंटी-भ्रष्टाचार ब्यूरो और बिजली विभाग ने जांच की थी. आरोप लगे कि किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़े सिविल वर्क का ठेका देते समय ई-टेंडरिंग के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था. हालांकि, 47वीं बोर्ड बैठक में ई-टेंडरिंग के ज़रिए दोबारा टेंडर करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कथित तौर पर इसे लागू नहीं किया गया. और, बाद में 48वीं बोर्ड बैठक में 47वीं बोर्ड बैठक का निर्णय पलट भी दिया गया.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *