चालू वित्त वर्ष में 20 लाख करोड़ के पार पहुंचा कृषि कर्ज, किसानों के लिए मोदी सरकार ने खोला खजाना

नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में बैंक कर्ज में तेजी से वृद्धि हुई है। बैंकों ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान कर्ज के रूप में 20.39 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया है, जबकि पूरे 2013-14 में किसानों को 7.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था।

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया था। बैंक पहले ही लक्ष्य पार कर चुके हैं और इस वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 22 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है।” कृषि मंत्रालय ने किसानों को सालाना सात प्रतिशत के कम ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल कर्ज को लेकर ब्याज छूट योजना लागू की हुई है।

हरित क्रांति 2.0 की जरूरत

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) ने गुरुवार को कहा कि भारत को दाल, तेल और सब्जी जैसी कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए हरित क्रांति 2.0 की शुरुआत करने की जरूरत है। जीटीआरआइ ने कहा है कि सरकार इस तरह की फसलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी दे सकती है।

कृषि क्षेत्र के लिए मुफ्त बिजली को हतोत्साहित करने जरूरत

जीटीआरआइ ने कृषि क्षेत्र के लिए मुफ्त बिजली को हतोत्साहित करने की भी बात कही। ये सिफारिशें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कुछ राज्यों में किसान अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी शामिल है। कुल एमएसपी खरीद में धान और गेहूं की हिस्सेदारी लगभग 90-95 प्रतिशत है। धान की अधिकतम खरीद पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से की जाती है।

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