उज्बेकिस्तान में भारतीय बिजनेसमैन को उम्रकैद की सजा, 68 बच्चों की मौत का दोषी करार
( Uzbekistan) में एक भारतीय कारोबारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. राघवेंद्र सिंह (Raghvendra Singh) नाम के इस फार्मा कारोबारी (entrepreneur) को 68 बच्चों की मौत का जिम्मेदार माना गया है.
उज्बेकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने इस मामले में भारतीय बिजनेसमैन (Indian businessman ) के साथ 23 अन्य लोगों को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
उज्बेकिस्तान में 2022 से 2023 के बीच 86 बच्चों को जहरीला कफ सिरप (Cough syrup) पिलाने का मामला आया. जिसके बाद से मामले की जांच चल रही थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उज्बेकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट कफ सिरप से बच्चों की जान जाने के मामले की सुनवाई कर रही थी. डॉक-1 मैक्स कफ सिरप (Doc-1 Max Cough Syrup) नाम की इस कफ सिरप को भारतीय फार्मा कंपनी मैरियन बायोटेक लिमिटेड ने बनाया था. ये कंपनी यूपी के नोएडा में है और राघवेंद्र सिंह इसके डायरेक्टर हैं. जिन्हें इस मामले में अभियुक्त बनाया गया था.
क्या मामले हुए दर्ज
इस मामले में पीड़ित परिवारों की शिकायत के बाद वहां के प्रशासन ने मामले की जांच की. धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, जालसाजी वगैरह के मामलों में केस दर्ज किया. जिसकी जांच के बाद वहां की कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाया गया.
WHO ने किया था आगाह
जनवरी 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कफ सिरप को लेकर आगाह किया था. WHO के मुताबिक कफ सिरप सैंपल डायथिलीन ग्लाइकॉल (diethylene glycol) या एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) से दूषित था. बता दें कि ये इंडस्ट्रियल सॉल्वैंट्स की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं. साथ ही टाक्सिक भी होते हैं, जो कम क्वांटिटी में भी जहरीले हो सकते हैं. ये भी कहा गया था कि मैरियन बायोटेक के दो सिरप बच्चों को नहीं पिलाने चाहिए. जिसमें से एक था एम्बरोनॉल सिरप (Ambronol Syrup) और दूसरा था, डीओके-1 मैक्स हैं. WHO के मुताबिक दोनों सिरप की क्वालिटी सही नहीं थी।.