पद्म भूषण अवॉर्ड चुराया, बेचने भी पहुंच गए, मगर ज्वेलर ने चोरों संग कांड कर दिया

दिल्ली में चोरी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. मामला देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण के चोरी का है. यह अवॉर्ड पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जीसी चटर्जी का था.

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पदक चुराने वाले आरोपियों की पहचान श्रवण कुमार, हरि सिंह, रिंकी देवी, वेद प्रकाश और प्रशांत बिस्वास के रूप में हुई है. सभी आरोपी मदनपुर खादर के रहने वाले हैं. इनमें प्रशांत बिस्वास एक ज्वेलर है और इसी इलाके में आभूषण की दुकान चलाता है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते मंगलवार को हरि सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश, पदक को बेचने के लिए दिलीप नाम के एक ज्वेलर के पास गए. पदक पर पद्म भूषण लिखा देख दिलीप को शक हुआ और उसने इसे खरीदने से मना कर दिया और इसकी सूचना कालकाजी पुलिस को दे दी. हालांकि पुलिस के पहुंचने तक आरोपी दुकान से जा चुके थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस एक्शन मोड में आ गई. एसीपी सरिता विहार की देखरेख में कालिंदी कुंज के SHO और अन्य कर्मियों की एक टीम बनाई गई. टीम ने इलाके के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाल डालें. सीसीटीवी फुटेज और लोकल इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर जुटाई जानकारी की मदद से पुलिस ने हरि सिंह, रिंकी देवी और प्रकाश बिस्वास को गिरफ्तार कर लिया. इन तीनों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि पदक की चोरी साकेत निवासी श्रवण कुमार ने की थी.

श्रवण, जीसी चटर्जी के पोते समरेश चटर्जी के मेडिकल अटेंडेंट के रूप में काम करता है. समरेश अकेले रहते हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसी बात का फायदा उठाकर उसने अवॉर्ड पर हाथ साफ कर दिया. डीएसपी राजेश देव ने आजतक को बताया कि ‘श्रवण कुमार ने ही पदक चुराया और इसे बेचने के लिए हरि सिंह, रिंकी देवी, वेद प्रकाश को सौंप दिया. अब सभी आरोपी कालिंदी कुंज पुलिस की गिरफ्त में हैं. आरोपियों से अवॉर्ड भी बरामद कर लिया गया है.’

पद्म भूषण अवॉर्ड मिलने के बाद पुलिस ने जीसी चटर्जी के परिवार से संपर्क किया और उनके पोते समरेश चटर्जी को पदक सौंप दिया. जीसी चटर्जी पंजाब और राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं. इसके साथ ही वह संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) के सदस्य और नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे हैं.

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