CM भगवंत मान ने दलित विधायक के लिए कह दिया, ‘उनको जूता सुंघाओ’, मामला क्या है?
पंजाब विधानसभा में सोमवार, 4 मार्च का दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के बयानों के कारण हंगामेदार रहा. विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक सुखविंदर कोटली ने सीएम भगवंत मान को राज्य में दलित उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा याद दिलाया.
साथ ही दलितों की अनदेखी करने का आरोप भी. कोटली ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इंडिया टुडे से जुड़े मनजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि कांग्रेस सदस्य को दौरा पड़ गया है, उनको जूते सुंघाओ. इसके बाद कांग्रेस ने इस विवादित बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगी.
‘दलित समुदाय का अपमान’
सुखविंदर कोटली आदमपुर से कांग्रेस के विधायक हैं. दलित समुदाय से आते हैं. सीएम के विवादित बयान के बाद सुखविंदर मीडिया के सामने आए. उन्होंने भावुक होकर कहा कि सीएम ने उनके लिए जो अपमानजनक शब्द बोले हैं, वे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. कोटली ने ये भी कहा कि वे अपने समाज के अपमान का बदला लेकर रहेंगे.
कोटली ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक और वीडियो पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि वे कांशीराम के सिपाही हैं, जिन्होंने आत्मसम्मान का आंदोलन चलाया था. इसी पोस्ट में वे लिखते हैं,
“मैं आज बहुत भारी मन के साथ अपील कर रहा हूं. मैं पिछले 40 साल से गरीब और दलित वर्ग के लिए संघर्ष कर रहा हूं. इस विधानसभा की गैलरी से लेकर साहब कांशीराम जी के साथ जुड़े सफर तक. हमेशा दलित वर्ग के लिए कुछ करने की इच्छा के साथ ही आगे बढ़ा हूं और इस बार लोगों ने विधानसभा में अपनी आवाज बनाकर भेजा है.”
कोटली ने आगे लिखा,
“सत्र की शुरुआत से ही मैं अरविंद केजरीवाल से दलित उपमुख्यमंत्री बनाने के वादे पर सवाल कर रहा हूं. भगवंत मान जी, दलित उपमुख्यमंत्री के बारे में पूछने पर आपने मुझे गाली दी है. इसका जवाब आपको पंजाब और दलित समुदाय के लोग जरूर देंगे.”
मीडिया के साथ बातचीत करने पर सुखविंदर कोटली कई बार भावुक हुए. उन्होंने मुख्यमंत्री को चैलेंज किया कि अगर दम है तो उनके खिलाफ चुनाव के मैदान में आए.
स्पीकर को ताला-चाबी देकर बंद करने को कहा
इससे पहले भगवंत मान के बयान पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बॉयकॉट कर दिया. लेकिन बॉयकॉट से पहले सिर्फ इसी मुद्दे पर नहीं, बल्कि कई मुद्दों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सदस्यों के बीच बहसबाजी देखने को मिली. ये बहस शुरू हुई, राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान को लेकर चर्चा पर. एक मार्च को बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अभिभाषण दिया था. अभिभाषण में कथित हस्तक्षेप के लिए आज भगवंत मान ने विपक्ष की आलोचना की और इस पर चर्चा कराने की मांग की.
नियमों के मुताबिक, दिन की शुरुआत ‘प्रश्न काल’ से होनी थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा स्पीकर को एक ताला और चाबी वाला लिफाफा दिया. सदन को अंदर से बंद करने को कहा गया, ताकि विपक्षी सदस्य वॉकआउट न कर पाएं. इसके बाद विपक्ष ने स्पीकर के वेल के पास पहुंचकर नारेबाजी की. सदन 15 मिनट तक स्थगित करना पड़ा.
सदन में स्थिति को संभालने के लिए स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि ताले को सांकेतिक तौर पर लिया जाए, ताकि संदन में चर्चा हो सके. हालांकि इसके बाद भी हंगामा होता रहा.