7th pay commission: कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 8 प्रतिशत और अन्य पर 25 प्रतिशत की हुई बढ़ोत्तरी, आ गई बड़ी खुशखबरी

केंद्र सरकार में कर्मियों को लेकर कई बड़े निर्णय लंबित हैं। ऐसा संभव है कि 180 दिन बाद सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाए।

वेतन में चार फीसदी डीए की वृद्धि, यह पहली जुलाई से देय है। डीए/डीआर की फाइल को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद यानी जनवरी 2024 में दोबारा से डीए में चार फीसदी की वृद्धि संभव है।

उस वक्त डीए वृद्धि का ग्राफ पचास फीसदी के पार चला जाएगा। सातवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ऐसा होता है, तो बाकी के भत्ते भी स्वत: ही 25 फीसदी बढ़ जाएंगे।

रही बात पुरानी पेंशन की, तो केंद्रीय कर्मचारी संगठन किसी भी सूरत में इस मुद्दे से हटने को तैयार नहीं हैं जेएफआरओपीएस के सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि केंद्र सरकार, कर्मियों के हितों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

पुरानी पेंशन की मांग को लेकर दस अगस्त को जब संसद भवन के सामने दो लाख कर्मचारी एकत्रित होंगे, तो सरकार की नींद टूटेगी।

केंद्र में पे रिवाइज दस साल में हो, यह जरूरी नहीं

केंद्र सरकार में कर्मियों को 42 फीसदी की दर से डीए मिल रहा है। मौजूदा समय में महंगाई की दर को देखते हुए इसमें चार प्रतिशत की वृद्धि संभव है। इसके बाद जनवरी 2024 में भी चार फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है।

सी. श्रीकुमार बताते हैं कि संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है।

केंद्र सरकार इस संदर्भ में विचार नहीं कर रही। श्रीकुमार के मुताबिक, ये सरकार की मनमर्जी ही तो है। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में पे रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरूरी नहीं है।

इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि पे कमीशन ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित होना चाहिए।

कुछ माह बाद डीए 50 प्रतिशत के पार होने जा रहा है। ऐसे में नए डीए और एचआरए की संभावना बनना तय है। केंद्र सरकार ने ओपीएस की मांग पर एनपीएस में सुधार के लिए कमेटी गठित कर दी।

कर्मियों ने यह मांग तो कभी नहीं की। सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद ‘एनपीएस’ एक आपदा है। एनपीएस में कर्मचारी को महज चार-पांच हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। हर सूरत में ओपीएस लागू कराएंगे।

सरकार ने वेतन आयोग गठन के प्रस्ताव से मना किया 

पिछला वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था। उसके तीन साल बाद आयोग की सिफारिशें लागू हुई। उस हिसाब से 2026 में वेतन रिवाइज होना चाहिए। इसके लिए 2023 में आयोग का गठन हो।

अब केंद्र सरकार, ऐसे किसी आयोग के गठन से मना कर रही है। संसद में इस मुद्दे पर जो सवाल जवाब हुए, उनमें कहा गया है कि जनवरी 2016 से जनवरी 2023 के बीच में कर्मियों के वेतन और पेंशन में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इस अवधि के दौरान देश में प्रति व्यक्ति आय 111 प्रतिशत बढ़ी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, मुद्रास्फीति के कारण वेतन और पेंशन के असली मूल्य में जो कटौती होती है, उसे पूरा करने के लिए डीए/डीआर दिया जाता है।

अब डीए 42 प्रतिशत हो गया है। प्रति व्यक्ति आय तीन गुना हो गई। इसके साथ वस्तुओं के दाम भी उसी अनुरुप में बढ़े हैं। मतलब, केंद्र सरकार के कर्मी कम वेतन पर काम कर रहे हैं।

पिछले तीन वेतन आयोगों की तरफ से कहा गया है कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाए, तो मुद्रा स्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए भविष्य में पे रिवाइज किया जाए।

जनवरी 2024 में डीए 50 फीसदी के पार हो जाएगा। अब सरकार कह रही है कि वेतन आयोग गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सातवें वेतन आयोग में लिखा है कि जब डीए 50 प्रतिशत पर पहुंच जाए तो बाकी के भत्ते खुद ही 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगे।

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